माँ कर्मा देवी आरती
जय कर्मा मइया कि जय कर्मा मइया ।
निज जन को भवसागर से माँ पार करो नइया ॥ जय
जब - जब पीर पडी स्वजनों पर तुम दौडी आई ।
विपदा हरी तैलकारों की तुमने ही माई ॥ जय
साहू वंश उजागर किन्ही तुमने कल्याणी ।
स्वर वंचित तैलिक अधरों को तुमने दी वाणी ॥ जय
मीरा सी महान दुर्गा सी दक्ष दुषट दलनी ।
हे करूणामयी हमें शरण दो माता दु:ख हरणी ॥ जय
तेरी खिचडी खाने आये जगन्नाथ स्वामी ।
धन्य - धन्य माँ कर्मा जिनके भगवान अनुगामी ॥ जय
कर्मा मइया की आरती जो कोई जन गावै ।
बेद राम लहे चारि पदारथ सुख सम्पत्ति पावै ॥ जय
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