मध्यप्रदेश - आज की इस दौड़ में हम अपनी संस्कृति परंपरा को भूल रहे हैं । लेकिन बैतूल साहू समाज ने अपने समाज और देश की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हर साल बड़े ही भक्ति भाव से त्योहार मनाते आ रहे हैं । अपनी इसी श्रेष्ठ परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बैतूल साहू समाज ने भुजलिया का विसर्जन दाम देवी घाट मचान नदी पर किया । इस मौके पर साहू तेली समाज के जेष्ठ और श्रेष्ठ लोग उपस्थित थे । इस समय पर रामनाथ साहू अध्यक्ष ने बताया कि भुजरिया त्यौहार हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ है लेकिन आज के इस आधुनिक युग में यह तो हार काफी कम होता जा रहा है । यह त्यौहार अपने बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद देना सिखाता है । सूर्यकांत साहू ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि हम आज के इस दौर में हमारी युवा भुजलिया जैसे हमारे श्रेष्ठ पर्व को छोड़कर वैलेंटाइन डे जैसे दिवस मना रहे हैं ।
इस मौके पर साहू समाज के लोग बड़ी संख्या में जुटे जैसे कि विपिन साहू, चंद्रशेखर साहू, मोहन साहू, रामचरण साहू, गणेश साहू, पिंटू ठेकेदार, बुधराम साहू, रविंद्र, रमेश साहू, सुखदेव साहू इत्यादि ।