श्री विजय रत्नपारखी, श्री संत संताजी तेली समाज संस्था सुदुंबरे समाधि स्थल कार्याध्यक्ष महाराष्ट्र
देशभर में तेली समाज की जनसंख्या 13% है । फिर भी समाज की राजकीय आर्थिक स्तर देखा तो समाज बहुत पिछड़ा हुआ है । इसी बात को ध्यान में रखकर केंद्रीय संगठन की अध्यक्षता कै. केसर काकू क्षिरसागर को बनाया गया । काकू देशभर में समाज के पास गई, समाज की आबादी सामने आ गई, उन्होंने समाज के संगठन को बनाने के लिए बहुत सारा त्याग किया । पूरे देश में भाषा अलग है उपजातियां अलग है फिर भी तेली बनना हमारी नियति है । यह हमारी पुरानी संस्कृति है हमें उच्च जाति के लोगों ने नीच जाति बनाया है । देश के इतिहास में राज्य करने वाले तेली ही थे व्यापार करने वाले तेली है इस देश का धर्म पूरे जगत में लेकर जाने वाले तेली थे । रामास्वामी पेरीयार वह तेली थै । उन्होंने पूरे देश में उच्च जाति को सबक दे कर कह दिया हम तेरी तुम्हारे उच्च जातीवादियों समान नहीं उसके ऊपर के हैं । आज हजारों तेली भाई भी इन्होंने अपना बलिदान दिया है । फिर देश स्वतंत्र होने के बाद भी तेली समाज पीछे ही रह गया । मा. जयदत्त क्षीरसागर के नेतृत्व में पूरे देश के तेली जात इकट्ठी होने लगी है । बातें करने लगा जितनी होगी हमारी आबादी उतनी हमारी हिस्सेदारी । आज दिल्ली में सब इकट्ठा होकर हमारे समाज का हक मांग रहे हैं । इसीलिए देश में से मा. जयदत्त क्षिरसागर के नेतृत्व में समाज काम करने लगा है ।