शिरिषशेठ पन्हाळे
देशभर में तेली समाज तेरा प्रतिशत है वह सुन कर बड़ी खुशी हो गई है । जब मैं 5/10 बरस का था तब मेरी मामा के यहां डिंग्रस जाया करता था । डिंग्रस मे कै. माधवराव पाटिल (महिंद्रे) तेली समाज के काम कर रहे थे । उसी वक्त पूरे देश भर तैलिक साहू महासभा समाज के लिए काम भी कर रहे थे । देश के नेतागण डिंगज में आते थे समाज के बारे में चिंता होती थी । आजादी के 10 वर्ष बाद पुना मै तैलिक साहू महासभा का सम्मेलन हुआ था । उस वक्त मेरे पिता जी कै. अमृतशेठ किसनशेठ पन्हाळे पैदल ही पूना शहर में समाज के घर घर जाते थे हम सभी तेली एक ही बताते थे । उन्होंने साइकिल पर जाकर गांव गांव के लोगों को बुलाने का प्रयास किया था । बचपन से मुझे समाज के लिए किया गया वह कार्य मालूम हो गया था ।
अपना समाज 13 प्रतिशत देश की आबादी में है । और बहुत सारे समाज बांधव सामाजिक कार्य में जुड़े हुए हैं । देश के विविध क्षेत्रों में जैसे राजनीति, इंडस्ट्रियल, साइंटिस्ट, मीडिया धार्मिक संशोधन क्षेत्र में अपने समाज के बहुत सारे विद्वान कार्य कर रहे हैं । बात यह होती है कि सामने वाला तेली है मालूम ही नहीं होता । जब यह सब समाज एक जगह आ जाते तो समाज एक हो जाता है । पांच उंगलियां एक हो जाएगी तब समाज बहुत आगे निकल जाएगा । तैलिक साहू समाज का सम्मेलन भविष्य में आगे जाने वाला साबित होगा । हर क्षेत्र में समाज को आगे जाने की उम्मीद इस सम्मेलन में मिलने वाली है । माननीय श्री जयदत्त क्षीरसागर जी ने 21 दिसंबर 2003 में महाराष्ट्र की तेली समाज का एक बड़ा सम्मेलन लिया था । उस सम्मेलन के लिए पुणे शहर और ग्रामीण समाज ने बहुत साथ दिया था । उस सम्मेलन होने के बाद महाराष्ट्र का समाज संगठन मजबूत हो गया था । आज सभी को उम्मीद है देश के इस सम्मेलन से सभी तेली समाज एक होकर अपनी हक की लड़ाई लड़ेगा उस लड़ाई में हम सब कामयाब होंगे ।