ईश्वर बाळबोधे अध्यक्ष राष्ट्रवादी कांग्रेस महाराष्ट्र ओबीसी सेल
देश के सभी तेली भाई और बहनों को जय भारत । आजादी के बाद देशभर में तेली इकट्ठा होने लगे हैं । देर हो गई थी क्योंकि इसके पहले ब्राह्मण बनिया क्षत्रिय जातियां अपना संगठन बल खड़ा कर रहे थे, उन्होंने आजादी अपने पास ही सीमित रख दी थी । तेली जाति का समूह का जब जब विकास का मौका आएगा तो उन जातियों को विकास का मौका आया तो उनको जातियों के नाम पर बांट के उनके विकास का रास्ता बंद किया गया । काकासाहेब का आयोग का दफन कर दिया मंडल आयोग बन रहा था । इस वक्त बामन जाति जाग गई आगे क्या होने वाला है उसे अच्छे से मालूम था उसी वक्त उसने अपनी पार्टी जनसंघ को जनता दल से अलग करके भाजपा बनाएं । तेली समाज का विकास मंडल में था उस उसी वक्त श्रीराम का मुद्दा सोच-समझकर खड़ा किया बाबरी उध्वस्त करने के पहले 10 दिन ब्राह्मण जाति ने मंडल को न्याय व्यवस्था में बंदिस्त कर दिया । बाबरी गिराने के लिए हमारे थे जिस ब्राह्मण जाति के लिए हम लड़ रहे थे उसी वक्त वह जाति तेली समाज का विकास गिराने के लिए लड़ रही थी । और वह कामयाब हो गई । अपने लिए विकास खत्म हो गया । पहले आप क्षत्रियों के पक्ष में थे । अभी ब्राह्मणों के पाओ पर है । समाज का विकास दोनों ने खत्म कर दिया है ।
समाज के विकास के लिए दिल्ली में देशभर के साहू तेली जाति का संगठन चालू हो गया । हर एक राज्य में तेली था । फिर उसका संगठन ग्राम में ही नहीं था । हर एक राज्य तेली समाज की उपजाति उस ऊपर जाति में गरीब श्रीमंत, ग्राम शहरी विभाजन उसमें रोटी और बेटी व्यवहार नहीं होता था । किसी को और उपजाति की जान पहचान नहीं थी । उसी वक्त तेली समाज के लीडर कै. केशर काकू क्षिरसागर राज्यों में गए और समाज संगठन शुरू कर दिया । जिला स्तर पर जाकर जगह-जगह सम्मेलन लेने लगे । और आप गांव में जैसे हो ऐसा तेली समाज भारत देश में है वह मालूम हो गया । देश के साहू तैलिक महासभा का अध्यक्ष शांताराम जी पोटदुखे हो गए । वह चंद्रपुर से लोकसभा के सदस्य थे । उन के बाद भी बिडकी खासदार कै. केशरकाकु क्षिरसागर अध्यक्ष हो गई । उन्होंने देश के कोने कोने में जाकर तेली एकता की बात कर दी उसमें तेली समाज अपनी उपजात तेली एकता के बारे में सोचने लगे । झारखंड में विधानसभा के लिए काकू पहुंची तो पास पैसा नहीं इसलिए तेली समाज के उम्मीदवार लड़ना छोड़ कर घर में बैठने वाले थे । केशर काकू को जब यह मालूम हो गया तब वह उनके घर में गई वह कुछ बोली नहीं अपने गहने उस उमेद्वार के पास दिए और उमेदवारी अर्ज दिया वह तेली जाति का उम्मीदवार जीत गया । आज झारखंड में मुख्यमंत्री तेली समुदाय से हैं । तेली विजय हासिल कर सकता है यह उम्मीद काकू ने उस भूमि को दी है । वह सच भुलाया नहीं जा सकता । राजनीति में हर एक पार्टी में तेली समुदाय है । पहली तेली समाज का आदमी जीत हासिल कर सकता है वह उम्मीद काकू ने गहने बेचकर साबित कर दी है ।
मा. जयदत्तजी क्षिरसागर अभी अध्यक्ष है । उन्होंने पूरे देश का तेली एक करने के लिए एक पक्का रास्ता बनाया हुआ है । तेली समाज के लिए राज्य राज्यों में सम्मेलन करके तेली एकता तेली ताकत बनाई गई है । अब इस संगठन को काफी हद तक बढ़ाया गया है । तेली समाज कि केंद्र शासन जब जनगणना करेगी तब संविधान से समाज के विकास के लिए 13% पैसा देश में मिल जाएगा । इसीलिए क्षिरसागरजी 10 वर्षों से लड़ रहे हैं । उनसे यह उम्मीद है कि वह अपने रास्ते पर कामयाब होकर तेली समाज को आगे बढ़ाएंगे । मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस महाराष्ट्र का ओबीसी सेल का अध्यक्ष हूं उस राजकीय संगठन से बहुत-बहुत बधाई देता हूं।