(क्रांति के लये सोपान परिक्षेत्र (बागबाहरा) के साहू समाज द्वारा) ।
सूरमाल चक साहू समाज कांतिकारी भावना से हमेशा ओतप्रोत रहा है। यहां की माटी में ऐसी महक और खुशबू है कि लोग जिसे दूर-दूर से जानते हैं।
धार्मिक ऐतिहासिक स्थल एवं खल्लारी माता के क्षेत्र के नाम से बहुत पहले से ही जाना जाता रहा है। इसके साथ ही क्षेत्र में पचहत्तर प्रतिशत कृषक गांवों में निवास करती है। इनमें साहू समाज की गणना का प्राथमिकता दिया जा सकता हैं।
साहू बंधुओं ने सन् 1974-1975 से दहेज विरोधी प्रथम सामूहिक विवाह का आयोजन मुनगासेर से शुरूआत की थी जिसकी चिंगारी हिन्दुस्तान के कोने-कोने में फैल गई।
दूसरी बार चौका देने वाली कड़ी पुनः सूरमाल के साहू बंधुओं ने जोड दी है। वह यह है कि दिनांक 05-04-1977 स्थान खेमड़ा ने रंगहा साहू समाज के 51 गांवों के करीब 300 परिवारों को मिलाया गया । उन लोगों ने रायपुर साहू समाज के द्वारा बनाये गये अठारह सूत्री का पठन कर पालन करने हेतु शपथ ग्रहण किया एवं भगवान राम जानकी के मंदिर के समक्ष करतल ध्वनि से अनुमोदन कर अपने पूरे क्षेत्र के रंगहा समाज को सूरमाल साहू समाज में विलीनीकरण किया। सभा अध्यक्ष के रूप में श्री केजूराम साहू महासमुंद ने कहा - हमारे समाज में जो कुछ कहते हैं उसे कार्यरूप में परिणित करने हेतु सूरमाल चक अग्रणी रहा है, यहां के साहू भाईयों को कोटि-कोटि धन्यवाद। उपस्थित गणमान्य लोगों ने अपनी भाषण कला अर्पित किये उनके नामः
श्री जइतराम जी कीर्तनकार मुनगासेर
श्री उदेराम साहू समीक्षक सराईपाली (भुसड़ी चक)
श्री घासीराम साहू (भुसड़ी चक) अध्यक्ष
श्री उदेश्याम साहू ग्राम पंचायत सरपंच
श्री रामखिलावन साहू बेलटुकरी सरपंच (उड़ीसा)
श्री रामदयाल पंच सिंघी चक
श्री बुधराम साहू पंच कोच
श्री पलटूराम साहू पटेल चुरूपाली
300 साहू परिवारों के साथ उनके द्वारा भगवान राम जानकी के मंदिर जो समाज के अधीन में है उसे भी सूरमाल चक के साहू भाईयों ने व्यवस्था करने का भार ग्रहण किया। उक्त घोषणा के समय श्रद्धालु एवं प्रेमी भक्तों के मुंह से जय-जयकार की गूंज मन को प्रेमाश्रुओं से भर दिया।
सूरमाल चक अध्यक्ष श्री आशाराम जी साव देवरी, उपाध्यक्ष श्री जैतराम जी साव, मंत्री श्री नाथूराम जी साव बागबाहरा पंचश्री बेनीराम जी सोनामुंदी, श्री रामू साहू बाघामुंडा, श्री देवनारायण जी कसेकेरा, श्री लोपचंद जी करहीडीह है। उक्त साहू भाइयों ने यह कार्य संपादन कर अपने समाज में चारचांद चांद लगा दिये। सहयोगी के रूप में सूरमाल चक के करीब 3 हजार साह बंधुओं ने सभा स्थल में भाग लेकर रंगहा साहू बंधुओं के सदियों के भेदभाव को दूर कर अपने गले लगाया। समाज के इतिहास में एक अध्य जोडा ही पड़ेगा। अस्तु
समाज का एक बूंद
मेहतर राम साहू (खोपली)
दिनांक 16/04/1977