जय राजिम जय कर्मा मैया, महिमा तेरी अपार हैं,
तुमको बारम्बार नमन मॉ, कोटि कोटि प्रणाम है।
भक्त शिरोमणि तुम कहलातीं, जाने सब संसार है,
ज्ञान भक्ति व कर्म का संगम, अदभूत ये अवतार है।
एक राजिम नगर में जन्मी, एक झांसी की शान है,
तुमको बारम्बार नमन मॉ, कोटि कोटि प्रणाम है।।
कर्मयोग की राह चली मॉ, राजिम बनी महान हैं,
संगठन में शक्ति है, कर्मा ने दिया ये ज्ञान है।
तेली वंश की गौरव तुम, कुल की स्वाभिमान हैं,
तुमको बारम्बार नमन मॉ, कोटि कोटि प्रणाम है।।
एक ने विष्णु की भक्ति में, त्याग दिए जब प्राण है,
एक की खिचड़ी खाने आये, स्वयं कृष्ण भगवान हैं।
धन्य धन्य तुम्हारी भक्ति, करते सभी बखान हैं,
तुमको बारंबार नमन मॉ, कोटि कोटि प्रणाम है।।
माँ राजिम की त्याग से, हुआ जगत कल्याण है,
माँ कर्मा ने भक्तियोग से, रस्त्री समाज की आन है।
श्रद्धा और समर्पण जिनके, जीवन की पहचान है,
तुमको बारम्बार नमन मॉ, कोटि कोटि प्रणाम है।।
एक रहें और नेक करें हम, यही राष्ट्र निर्माण है,
माँ राजिम और माँ कर्मा के, जीवन का ये सार है।
तुमको बारम्बार नमन मॉ, कोटि कोटि प्रणाम है।