बेहतर के लिए बदलाव, पीढ़ी दर पीढी चले आ रहे 10 नियमों को शिथिल किया
रायपुर पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रहीं कुछ परंपराएं समाज के अस्तित्व के लिए बेहद जरूरी हैं। तो कुछ समाज के लोगों के लिए ही परेशानी का कारण बन जाती हैं। साहू समाज की प्रदेश कार्यकारिणी ने ऐसे 10 नियमों को शिथिल किया है। समाज के बेहतरी के लिए कुछ दूसरे जरूरी फैसले भी लिए गए हैं। नई व्यवस्था में मौत के बाद कफन और नावन में साड़ी देने की जगह नगद पैसे देना शामिल
प्रदेश हरदिहा साहू समाज की बैठक पिछले दिनों पचपेड़ी नाका स्थित साह छात्रावास में आयोजित की गई थी। इस दौरान प्रदेश पदाधिकारियों में पुरानी परंपराओं में बदलावों को लेकर चर्चा हुई। तय किया गया कि समाज में चली आ रही कुछ नियमों को बदला जाएगा ताकि उनके व्यवहारिक मायने भी बदले जा सकें। इसमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला मौत के बाद कफन और साड़ी देने के रिवाज को प्रतिबंधित कर नगद पैसे देना रहा। बैठक की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक नंदकुमार साहू ने कहा कि परंपराएं सहज और सरल होनी चाहिए ताकि लोग आसानी से इसका निर्वहन कर सकें। समाज के नए नियम से परिवार के किसी व्यक्ति की मौत के बाद जरूरतमंद परिवारों को समाज की आर्थिक मदद मिल सकेगी। नए बदलावों को लेकर ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर के पदाधिकारियों को सूचना दे दी गई है।
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