समाज के बीच रहकर किसी न किसी सामाजिक कार्य में जुटे रहना, शिक्षा, धर्म और समाज सेवा को अपना कर्म बनाने वाले श्री सियाराम साहू जी आज भी अनवरत समाज सेवा के कार्य किये जा रहे है। समाज एवं देश के विकास में हमेशा तत्पर श्री साहू आज भी उसी उर्जा व लगन के साथ काम कर रहे हैं जैसे उन्होंने अपने शुरूआती दिनों में किया करते थे। अपने अनुभव को समाज के बीच पूरी ईमानदारी के साथ प्रस्तुत कर एक अनुकरणीय पहल के साथ निरन्तर आज के युवाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करते आ रहे है।
समाज सेवा एवं दायित्वों के निर्वहन:
4 मार्च 1952 को जन्मे डॉ. साहू ने एम.ए. एल.एलबी, डी.एच.एम.एस. आयुर्वेदरन तक शिक्षा ग्रहण की। स्व. श्री नेमसिह साहू जी के सुपुत्र डॉ. सियाराम साहू जमीन से जुड़े शख्सियत है। कार्य से व्यक्ति महान बनता है न कि बातों से। इस मूलमंत्र को अपने जीवन में उतारकर श्री साहू जी अनेक जनहितैषी कार्यो के लिए जाने व पहचाने जाते है। समाज सेवा के क्षेत्र में अत्र जीवन से ही अपने आप को जोड़ लिया। उन्होंने अपने जीवन का मूल उद्देश्य समाज सेवा को बनाकर कर्म पथ पर आगे बढ़ते चले जा रहे है। उठीजागो और आत्मनिर्भर बनकर अपने विकास के साथ समाज व देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करो।
अपने आप को समाज सेवा के क्षेत्र में जुड़ने के बारे बताते हुए श्री साहू बताते हैं कि, आज साहू समाज की संख्या बहुत है, उनके साथ ज्यादतियों, अन्याय और जागरूकता की कमी को दूर करने के उद्देश्य से समाज सेवा को अपनाया व अपने जीवन का मुख्य उद्धेश्य मानते हैं। हमारे समाज का आधार बहुत ही मजबूत रहा है ऐसे में हम अपनी वर्तमान पीढी व हमारे आने वाली पीढ़ी को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना हम सका दायित्व बनता है।
प्रजातंत्र में संख्या का महत्व होता है। छत्तीसगढ़ में साहू समाज की संख्या अधिक हैं, समाज के लोगों को अधिकार व कर्तव्य बराबर मिले इस हेतू वे समाज की सेवा में हमेशा समर्पित भाव से कार्य करते चले आ रहे है। 1980 में विधानसभा से चुनाव लड़े, जिसमें पराजय मिली। उसी समय समाज की सेवा करने का सौभाग्य कवर्धा तहसील साहू समाज के अध्यक्ष का दायित्व मिला जिसे वे पूरी समर्पण भाव से समाज की सेवा में हमेशा अपने आप को लगाये रखे।
समाज के लोगों के विकास के लिए ऐसे स्थानों में धार्मिकता के साथ देव स्थलों का निर्माण कर एक स्वच्छ व निर्मल वातावरण प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो। इस प्रकार के कार्य के अंतर्गत सन् 1984-85 में डोगरिया महादेव मंदिर का निर्माण कराया। उसी स्थान पर स्नाद्रमहायज्ञ भी संपन्न कराये।
अतरिया में तीन मंजिला मंदिर जिसमें लक्ष्मीनारायण भगवान, शिव भोलेनाथ व कम माता का निर्माण कराया। कोलेगाँव पण्डरिया में समाजिक लोगों को एक साथ एकत्र कर मंदिर का निर्माण कराया गया। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. रमन सिंह, राज्य मंत्री ताम्रध्वज साहू, सांसद पुन्नूलाल मोहिले को बुलाकर समाज की गरिमा को मजबूत आधार प्रदान करने में सफलता हासिल की। इस प्रकार के कार्यों से समाज की छवि में सुधार के साथ मान सम्मान बढ़ा। कार्य करने का साहस बढ़ा। नर्मदा पिपरिया में धर्मशाला का निर्माण कराया, साथ ही विष्णुयज्ञ को सफलता से पूर्ण कराया। समाज के युवाओं से अपील करते हुए श्री साहू कहते है कि जिस समाज ने हमें सबकुछ दिया, नाम, पहचान, संस्कार आदि। समाज के विकास में अपना समय अवश्य देवे।
सामाजिक व राजनीतिक सफर:
वर्ष 1977-78 में ग्राम पंचायत धरमपमुरा कवर्धा जिला-राजनांदगाँव में सरपंच पद का दायित्व मिला। और इस दायित्व का सफलता से निर्वहन किया। 1980 में साहू समाज कवर्धा का अध्यक्ष बनकर सामाजिक दायित्वों को बखूबी निभाया। वर्ष 1992 में मिनी पी.एस.सी. के सदस्य चुने गए। सन 1993 से 1997 तक मध्यप्रदेश विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हुए। वर्ष 1997 में पुन: जिला साहू संघ के अध्यक्ष तथा भाजपा के जिला अध्यक्ष चुने गये। वर्ष 1997 से 2000 तक भाजपा के जिला अध्यक्ष पद पर रहते हुए दायित्वों का निर्वहन किया। वर्ष 2000 से 2008 तक जिला पंचायत सदस्य के पद पर अपने दायित्वों के निभाया। वर्ष 2008 में राज्य भंडार गृह निगम छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष, 2008 से 2013 तक विधानसभा क्षेत्र कवर्धा से विधायक व संसदीय सचिः छग,शासन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामोद्योग व 20 सूत्रीय कार्यान्वयन विभका पद दायित्व किया। अभी वर्तमान में 15 जुलाई 2015 को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष तैलिक महासभा 4 जुलाई को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक बनकर अपने दायित्वों का निर्वहन करते आ रहे हैं। अन्य गतिविधियों के अंतर्गत वर्ष 1997 में महाविद्यालय रायपुर के सर्वोत्तम छात्र रहे एड बॉलीवाल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, चेस एवं अन्य ईमें आपकी भागीदारी हमेशा रही है।