हंसमुख एवं जिंदादिली के साथ लोंगो से मिलने वाले वाले श्री कामता प्रसाद साहू का जीवन बहुत ही अनुभवों व संस्कारों से भरा हुआ है। छात्र जीवन से ही सेवा के क्षेत्र से अपने आप को जोड़ लिया है। स्कूली जीवन में अपने आप को हर कार्यक्रम में आगे रखने की सोच के साथ निरंतर व्यक्तित्व विकास एवं समाज विकास को सोच के साथ अग्रसर है। बचपन से ही दादा ओ स्व. श्री फिरूराम साहू को सामाजिक कार्यों में लोगों से मिलते जुलते देखते थे तभी से ही समाज सेवा को अपना मूल कर्म यनाने को संकल्प ले लिया। मात्र चार वर्ष की आयु में एक ललक के साथ कार्य करने लगे। ग्राम स्तर पर सभी प्रकार के आयोजनों में पहले ही बढ़-चढ़कर भागीदारी देना प्रारंभ किया। शुरू से ही मेधावी छात्र के रूप में स्कूल में प्रसिद्ध रहे। स्कूली जीवन में कक्षा पहली से बारहवीं तक लगातार कक्षा नायक के तौर पर काम किए। स्कूल के हर आयोजनों में आपकी भागीदारी होती थी। हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान स्कूल संगठन का उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किए। फिर कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर सन् 1994 से प्राथमिक शाला डौकरोडीह में शिक्षक के पद पर पदस्थ होकर निरंतर बच्चों के सुखद भविष्य निर्माण में अपनी योगदान देते आ रहे हैं। समय-समय पर बच्चों को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए हमेशा प्रेरित करते थे। ताकि हर बच्चा पूर्णरूप से विकसित होकर ग्राम, समाज, क्षेत्र के विकास में अपनी भूमिका को निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ कर सके।
सामाजिक सेवा का सफर:
समाज को संगठित करने के लिए निरंतर आपके द्वारा पहल की जाती रही है। छोटे से सामाजिक सफर में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहकर समाज के समुचित विकास एवं उत्थान के लिए कार्य करते आ रहे हैं। छात्र जीवन में ही ग्राम स्तर पर संगठन गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष बन गए। उसके बाद निरंतर ग्राम विकास एवं सामाजिक विकास के लिए कार्य करते रहे। समाज के लोंगो को एकजुट करने की सोच को मूर्तरूप देते आ रहे हैं। 24 वर्ष की आयु में ग्रामीण साहू समाज करोडौह के ग्राम सचिव के पद को तीन वर्ष तक काम किए। इसके बाद ग्रामीण अध्यक्ष का पद संभाला। फिर तहसील साहू समाज के महासचिव की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ निभाते हुए साहू समाज के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तहसील अध्यक्ष का कार्यभार संभालकर जन जागरूकता के साथ सामाजिक योगदान के लिए प्रेरित किए। जिला साहू समाज के सचिव की भी जिम्मेदारी निभाई। अभी वर्तमान में आप जिला कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर अपनी सेवायें प्रदान कर
जीवन का आदर्श:
जीवन को आदर्श बनाने के लिए हमेशा ही बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद की सदैव आवश्कता पड़ती है। मेरे दादा जी स्व, फिरूराम साहू जी के व्यक्तित्व का मुझ पर काफी प्रभाव पड़ा है। उनके आशीर्वाद एवं सामाजिक उत्थान की दिशा में कार्य करने की स्वप्रेरणा से सेवा के क्षेत्र में अपने आप को जोड़कर निरंतर कार्य करते आ रहे है।