अपने जीवन में सादगी पसंद छत्तीसगढ़ की राजनीति में खासी दखल रखने वाले पूर्व कृषि मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू मिलनसार जनसेवक व्यक्तित्व के धनी हैं। जीवन के विभिन्न पड़ावों में अपने उत्साह व शैली को बरकरार रखकर निरंतर जनसेवा का कार्य कर रहे हैं। सीधा-सरल स्वभाव और लोंगो से मिलनसारिता का गुण राजनीति के क्षेत्र में खास मायने रखता हैं। यदि इसमें सेवा की भावना और जुड़ जाए, तो बात ही कुछ और हो जाती है। हमेशा ही सादगी को अपनी पहचान बनाकर अपने कर्तव्य पथ पर निरंतर अग्रसर है। आज भी पहले जैसे उर्जा के साथ लोंगो से मिलते हैं। अभी वर्तमान में आप अध्यक्ष राज्य वित्त आयोग के दायित्व का निर्वहन कर छत्तीसगढ़ के विकास में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता दे रहे हैं।
आपका बचपन बहुत ही संघर्षमय रहा हैं। स्कूली जीवन में पढ़ाई के लिए 7 किमी. का सफर पैदल चलकर जाते थे। नवापारा-राजिम में आपको स्कूल की पढ़ाई हुई। गाँव से निकलकर जीवन जीने का अनुभव प्राप्त हुआ। सीखने का अवसर मिला। छात्र जीवन से ही पढ़ाई में मेधावी छात्र के नाम से जाने जाते थे। स्कूली जीवन में जय किसानों की दुर्दशा देखते तो आपका मन उद्वेवलित हो उठता था। गाँव से रायपुर आने के बाद इस दुर्दशा से मुक्ति के लिए इतना आतुर हो उठा कि जल्द से जल्द दूर करने के प्रयास करने में लग गए।
बचपन की एक घटना का जिक्र करते हुए श्री साहू जी बताते है कि अमेरिका से वैज्ञानिक डॉ. इसमेन्जर हमारे ग्राम मानिकचौरी आये। धान के पैदावार में वृद्धि का रिसर्च करने के लिए उनकी टीम जय आयी, उस समय वे कक्षा आठवीं में पढ़ रहे थे। हरित क्रांति के दिशा में सफल होने वाला पहला गाँव मानिकचौरी रहा। जो रोपा विधि के माध्यम से सर्वाधिक धान की पैदा करने वाला पहला आदर्श ग्राम बना।
पढ़ाई के दौरान एक घटना जीवन में बहुत की मर्मस्पर्शी रहा। जब सन् 1965-66 में अकाल का दौर आया उस समय भूखे बच्चे परिवार को दो वक्त के खाने की व्यवस्था में भारी तकलीफ उठाना पड़ा। किसी को भी भूखा पेट देखना आपको पसंद नहीं था। भूख, गरीबी और अकाल के खिलाफ काम करने का मन सदैव रहा। इसके लिए निरंतर आपके द्वारा संघर्ष एवं जागरूकता के लिए प्रयास किया। गया।
आपकी रूचि लेखन, काव्य-गद्य साहित्य के प्रति खास्सो रूचि रही थी। नदी जल, अंतरिक्ष ज्ञान के साथ दर्शन शास्त्र के प्रति काफी लगाव रहा। राजनीतिक सफर की शुरूआत कॉलेज जीवन में छात्र संगठन चुनाव के साथ शुरू हुआ। सन् 1977 से 1985 तक दैनिक अखबार नवभारत के अभनपुर संवाददाता के तौर पर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का आपका अनुभव रहा है।
समाज सेवा:
तहसील साहू समाज के सभी बैठकों में आप सदैव सम्मिलित होते रहे हैं। अध्यक्ष पद पर परिक्षेत्र स्तर पर काम भी किए। पद के साथ बराबर न्याय नहीं कर पायेंगे इस सोच के साथ कोई बड़ी सामाजिक पद ग्रहण नहीं किया। हमेशा आपका प्रयास रहा कि समाज के विकास व तरक्की के लिए सभी को प्रेरित करते रहते है। राजिम भक्तिन माता मंदिर समिति के कार्यक्रमों में आपकी सहभागिता हमेशा रही।
युवा पीढ़ी से परिवर्तन की उम्मीदः
आज का युवा पीढ़ी वर्तमान के मोह, चकाचौंध की जिन्दगी में मशगूल है। सामाजिक परिवर्तन का काम में अपना योगदान देकर अपना कर्तव्य का निर्वहन कर सकता है। सामाजिक बदलाव के लिए आर्थिक सक्षमता का विकास पहले होना चाहिए। हमेशा लक्ष्य बड़ा रखकर ही जीवन में विशेषता हासिल की जा सकती है। असमानता एवं शोषण के खिलाफ पहल करने की जरूरत है। जागरूकता के माध्यम से ग्रामीण अर्थतंत्र को संजीवनी देने के लिए प्रयास होना चाहिए। ग्रामीण युवाओं के लिए कृषि में ही आर्थिक उन्नति के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। अपनी जमीन की रक्षा कैसे करें, समाज में यह सहमति बने । जिससे कि कोई भी किसान भाई अपनी जमीन न बँचे। किसान की जमीन को किसान ही खरीदें इसके लिए कानून बनना चाहिए।
हमारे समाज के युवा पीढ़ी से अपील करना चाहूंगा कि मीडिया के क्षेत्र में जुड़कर अपना, समाज, प्रदेश व देश के विकास में सहभागी बने। मीडिया प्रबंधन के माध्यम से सामाजिक उत्थान की दिशा में सार्थक पहल की जा सकती है।
दायित्वों का निर्वहन:
जे.पी. आंदोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया। सन् 1977 में सृजन, लेखन और ग्रामीण पत्रकारिता से करीबी संबंध रहा है। सन् 1978-80 में जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद पर कार्य किए। सन् 19851990 एवं सन् 1992-1993 तक दो बार मध्यप्रदेश विधानसभा से अभनपुर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 1998 में महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित होकर क्षेत्र के सवाँगीण विकास के लिए निरंतर कार्य किए। भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय युवा नीति के राज्य संयोजक और मध्यप्रदेश भाजपा के महासचिव रहे। डॉ. रमन सिंह के अध्यक्षीय कार्यकाल में छत्तीसगढ़ भाजपा के महासचिव, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं विकास निगम के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला। पिछले विधानसभा में छत्तीसगढ़ मंत्रिमण्डल में कैबिनेट बने तथा कृषि, पशुधन विकास, मत्स्यपालन एवं श्रम विभाग छ,ग. शासन के कार्यों में लोकहित में कुशलता पूर्वक निर्वहन, मार्गदर्शन दिए। अभी वर्तमान में अध्यक्ष छ.ग. राज्य वित्त आयोग के दायित्व का निर्वहन कर रहे है। प्रदेश में पहली बार अलग से कृषि बजट लाया गया और छत्तीसगढ़ कामधेनू विश्वविद्यालय दुर्ग में स्थापित कर प्रदेश के पशुधन विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धि में से एक है। श्रमिकों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन किया गया। संगठित, असंगठित एवं निर्माणी क्षेत्र में लगे निम्न आय वर्गों के परिवारों हेतु अनेक समाज कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया। मिले सभी दायित्वों को कुशलता के साथ ईमानदारी व निष्ठापूर्वक निभाया।
जलवायु परिवर्तन में सतत् विकास के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अनेकों बार संयुक्त राष्ट्र संघ के बैनर तले भाग लिए जिसमें प्रमुख से सन् 2009 में कोपेनहेंगेन (डेनमार्क), सन् 2010 में बौन (जर्मनी) 2011-12 में ब्राजील एवं अमेरिका तथा 2015 में न्यूयार्क स्थित यूएनओ मुख्यालय में भागीदारी निभाई।
जीवन का आदर्श:
स्वामी विवेकानंद जी एवं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से काफी प्रभावित हुआ। स्वामी विवेकानंद जी ने ऐसे समाज की कल्पना की जिसमें धर्म एंव जाति के आधार पर मनुष्य-मनुष्य में कोई भेद न हो। ऐसी दूरदर्शी सोच रखने वाले के जीवन से हमेशा प्रेरणा मिलती रहती है। इनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए समाज एवं देश के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।