क्रान्तिकारी स्व. गंगा प्रसाद साहू के पुत्र साहू मुनिलाल 'लालजी का जन्म 6 फरवरी सन् 1934 को कानपुर में हुआ। कविवर 'लालजी' संगीत, चित्रकारिता, वस्त्र निर्माण एवम् वास्तु के अप्रतिम शिल्पी हैं। उनकी काव्य रचनाओं का विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, स्मारिकाओं, समाचार पत्रों, संकलनों और सन्दर्भ ग्रन्थों में ससम्मान प्रकाशन होता रहा है तथा संस्थाओं द्वारा उन्हें पुरस्कृत और सम्मानित भी किया जा चुका है। कविवर साहू मुनिलाल द्वारा प्रणीत 'अन्तस् के मर्म, 'किसको सुनाऊँ दास्ताँ' (गीतसंग्रह) एवं दोहा मंजूषा' (दोहावली) 'कलम के पुजारी' साहित्य-जगत में चर्चा का विषय बन चुकी हैं। इन्हें हिन्दी संस्थान लखनऊ उ०प्र० सरकार द्वारा हिन्दी सेवा के लिये आर्थिक सहायता भी प्राप्त हुई है। आकाश वाणी लखनऊ से अनेक रचनाओं का प्रसारण भी हो चुका है।