शिवम गांधी, केन्द्रीय विद्यालय, आर०डी०एस०ओ० लखनऊ
हमें गर्व होना चाहिए कि हम ऐसे महापुरूष के वंशज हैं जो न सिर्फ हमारे देश में बल्कि पूरे विश्व में विख्यात हैं। आज हमारे समाज के लोग भारत में विभिन्न उपनामों से जाने व पहचाने जाते हैं जिससे हम अपने समाज से विस्तृत रूप से अवगत ही नहीं हो पाते हैं। ग्वालियर में हुए सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. गांधी राम नरायन साहू जी द्वारा यह निर्णय लिया गया कि हम अपने व अपने बच्चों के नाम में "गांधी" टाइटिल का प्रयोग करें जिससे कि हमारा समाज एकता रूपी धागे में बंध सके, जिसके बारे में मेरे पापा ने परिवार में विचार-विमर्श किया और गांधी टाइटिल लगाने हेतु हमने उन्हें सहर्ष अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। फिर उन्होंने मेरे विद्यालय में विधिक कार्यवाही द्वारा मेरा नाम शिवम् गुप्ता से शिवम् गांधी कर दिया। जब से मेरे व मेरे पापा ने मेरे बड़े भाई शुभम् गुप्ता के नाम को गांधी शब्द से जोड़ा है तब से मैं व मेरा परिवार अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। यह गांधी शब्द मुझे हमेशा याद दिलाता है कि हम महात्मा गांधी के वंशज हैं। अपना नाम बताने पर सबकी नजर मुझ पर होती है और मुझे हार्दिक खुशी होती है कि अब मेरी एक अलग पहचान है।
इसलिए मेरी आप सभी से विनम्र अपील है कि आप स्वयं व अपने बच्चों के नाम को गांधी शब्द से जोड़कर समाज में एक अलग पहचान बनायें।
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