जीवन में हमेशा स्वयं खुशी से बढ़कर अपनों जा की खुशी के लिए जीने की राह कठिन जरूर होती है, पर असंभव नहीं। जिंदादिली के साथ जीवन जीने की प्रेरणा से युवा प्रकोष्ठ छ.ग. साहू संघ के प्रदेश संगठन सचिव श्री रोहित साहू अपने कर्मपथ पर निरंतर अग्रसर है। बड़े-बुजूर्गों के प्रति आदर भाव व छोटो के प्रति अपार स्नेह रखने वाले श्री साहू का जीवन बहुत की सरल है। सदैव सर्वहित की सोच रखकर निरंतर कार्य करते आ रहे है। मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले श्री साहू का जीवन युवाओं को संगठित करते हुए व्यतीत हो रहा है। सबके साथ प्यार भाव से मिलने जुलते रहने के कारण सभी के प्रिय है। सभी उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हैं। सामाजिक विकास एवं उत्थान की भावना से समयसमय पर अपने से बड़े बुजुर्गो से राय मशविरा करते रहते है।
सामाजिक दायित्व:
साहू समाज में अनेकों महापुरूषों हुए. उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज के विकास में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया जा सकता है। इसी सोच व ललक के साथ अपनी छोटी सी भूमिका के निर्वहन में रोहित साहू निकल पड़े है। बगैर पद के लालसा के समाज हित में कार्य करने का अपना ही मजा हैं। सेवा का भाव ही मूल हैं, इसके साथ किसी चीज को जोड़ने की आवश्यकता नहीं होती है। बस अपने कर्म को जनहित-समाजहित में लगाकर सेवा का कार्य करते रहो तो जीवन बहुत ही सरल और सर्वागीण हो जाता है।
सन् 2006 से 2011 तक ग्रामीण साहू समाज की जिम्मेदारी को पूरी लगन व ईमानदारी के साथ पालन किए। समय-समय में सामाजिक बैठको में अपनी बातों को प्राथमिकता के साथ रखकर समाज विकास के लिए सार्थक पहल करते रहे है। ग्रामीण अध्यक्ष बनने के दरम्यान शाला विकास समिति लटेरा का अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाले। सन् 2011 से भवानीपुर परिक्षेत्र के कार्यकारिणी सदस्य के जिम्मेदारियों का कुशलता के साथ निर्वहन करते आ रहे है। अभी वर्तमान में आपके कार्यो को देखते हुए सामाजिक विकास एवं उत्थान के लिए प्रदेश साहू संघ युवा प्रकोष्ठ का प्रदेश संगठन सचिव बनाया गया। सन् 2007 से 2014 तक नहर अध्यक्ष जल उपभोक्ता संस्था साहड़ा के पद पर बड़ी कुशलता के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन किए। "नहर अध्यक्ष पद पर रहते हुए किसानों के हितों का ध्यान में रखकर किसानों की खेतों तक पहुंच के लिए नहर-नाली का सफाई अभियान चलाया गया, समुचित खुदाई, मुरमीकरण, टार नाली का निर्माण किया गया।"
राजनीतिक सफर:
सन् 1999 से कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर कार्यकर्ता बने। तब से निरंतर पार्टी की सेवा में लगे हुए। अपने सोच के आधार पर बिना किसी बड़े पद में रहे बिना भी सेवा का कार्य किया जा सकता है। पार्टी के दिशा-निर्देशों पर लगातार क्षेत्र में सक्रिय होकर कार्य कर रहे है। अभी वर्तमान में अन्य पिछड़ा वर्ग कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष पलारी के पद का संभाल रहे हैं।
सोच:
समाज विकास के साथ-साथ जागरूकता पहल की आवश्कता अत्यधिक हो रही है। हमारा समाज बहुसंख्यक समाज होने के साथ-साथ बहुत बड़ा समाज हैं। आज एकजुटता के साथ के साथ सामाजिक कार्यों को संपादित किया जा रहा है। यही हमारी एकजुटता हमारा सबसे बड़ा साहस है।
सामाजिक विकास की दिशा में सामूहिक पहल करके विकसित समाज में सार्थक प्रयास जोड़ा जा सकता है। समाज में आर्थिक विकास की दिशा में पहल करने की नितांत आवश्यकता है। सिर्फ पैतृक खेती पर निर्भर न होकर आर्थिक खेती की ओर अग्रसर होने का समय है। इसके माध्यम से परिवार को आत्मनिर्भर बनाकर समाज हित की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाया जा सकता है। जब तक व्यक्ति आत्मनिर्भर नहीं होगा तब तक समाज के विकास को अधूरा माना जाता है। व्यक्ति के विकास पर समाज का विकास, क्षेत्र का विकास फिर प्रदेश व देश का विकास निर्भर होता है। अत: स्वालंबी बनने की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। श्री साहू ने आगे चर्चा में बताया कि, आवश्यक पहल के अंतर्गत विधवा माताएं एवं बहनों को समाज में सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार मिलना चाहिए। जब उनके लड़के का विवाह संस्कार संपन्न कराया जाता है तो उससे लड़के का मौर सौंपने की रस्म से वंचित कर दिया जाता है। उस समय माँ के दिल पर क्या बितती होगी, संस्कार से दूरी के साथ पति के नहीं होने का गम का अहसास होने लगता है। ऐसी प्रथा में सुधार कर उनको अधिकार मिले इस हेतू सार्थक पहल की आवश्यकता है। समाज में लगा प्रतिबंध को सामूहिक प्रयासों से पहल करते हुए हटाना चाहिए। इससे सम्मान पूर्वक जीवन जीने के साथ माँ होने का गौरव भी प्राप्त होगा।
विकास की दिशा में सोच:
क्षेत्र के विकास में स्वास्थ्य सधार की दिशा में बडे ग्राम पंचायतों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की आवश्यकता है। सार्थक पहल करते हुए इस दिशा में विचार करना चाहिए। आज समय के मांग के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधा मुहैया की आवश्कता महसूस हो रही है। शिक्षा के क्षेत्र में स्कूलो का उन्नयन होना चाहिए। प्राथमिक स्कूल है तो मीडिल। मीडिल है तो उच्चतर स्कूलों का निर्माण होना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से विकास की बातें को मजबूती प्रदान दी जा सकती हैं शिक्षित जीवन से सभ्य एवं संस्कारित समाज का निर्माण किया जा सकता है। इसके अलावा मूलभूत आवश्कताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावा स्वरोजगार की दिशा में प्रयास हो। गांवो में व्याप्त नशा को पूर्णरूप से समाप्त करने की पहल होनी चाहिए। नशा के अंतर्गत शराब, गुटखा आदि को पूर्णरूप पाबंदी लगानी चाहिए। इसके कारण आज का युवा अपने कर्मपथ से भटक गया है। उनको सही दिशा देकर उनका व परिवार का उत्थान के लिए आवश्यक पहल की जा सकती है।
जीवन का आदर्श:
अपने जीवन के आदर्श बड़े-बुजुर्गो के मार्गदर्शन व आशीर्वाद को मानते है। बड़े-बुजुर्ग अनुभवों की पाठशाला है। ऐसे में मेरा प्रयास हमेशा रहता है कि इन अनुभवों को जीवन में उतारकर अपने कर्तव्यपथ पर निरंतर बढ़ता रहूं। इनके आशीर्वाद से ही जीवन धन्य और सफल हो सकता है।