तेलीबांध तालाब जब से नए कलेवर में आया है, तव सह शहर का सबसे फेमस पॉइंट वन गया है। 82 मीटर ऊंचाई पर लहरा रहा तिरंगा इसे खास पहचान देता है। खान-पान के लिए चौपटी, मनोरंजन के लिए राजहंस का बसेरा है। तालाब के सामने ही सड़क पर मटरगस्ती होती है। सुबह से शाम तक 10 हजार लोग पहुंचते हैं। मगर कुछ लोगों ने इसे मरीन ड्राइव कहना शुरू कर दिया, जो विवाद का विषय बन गया। समाज विशेष ने आपत्ति कीथी। इसलिए इसे इसके वास्तविक नाम सही पहचाना जाए, इसलिए तट पर तेलीबांधा तालाब लिखवाया जा रहा है। इसमें लाइटिंग भीहोगी। इसलिए अब इसे तेलीबांधाही कहें तो ज्यादा अच्छा होगा।