डोंबिवली - तेली समाज मे एक चलन है, मानव मृत्यु के मृत्यु भोज यानी तेरहवीं का कार्यक्रम किया जाता हैं. इसमे लाखो रुपयों का खर्चा आता हैं. लेकिन कल्याण के काटेमानवली के अमरावती सोसायटी में रहने वाले बीरेन्द्र रामलखन गुप्ता, महेश रामलखन गुप्ता के द्वारा मृत्यु भोज के खिलाफ एक पहल की गई हैं.
इनकी माता जी स्वर्गीय चंद्रावती रामलखन गुप्ता का हालही में निधन हआ. निधन के बाद गुप्ता परिवार के लोगों ने मृत्यु भोज (तेरहवीं) कार्यक्रम का बहिष्कार किया है और उन्होंने डोंबिवली के खिड़काली साईधाम वृध्दा आश्रम में जाकर जरूररतमंद लोगों को कपड़ा दान एवं भोजन कराया. यह एक बहुत ही सुन्दर कार्य इस परिवार द्वारा किया गया है तथा एक परांपरागत बोझ कुरिती मृत्यु भोज ( तेरहवीं ) रिवाज से अलग नया कार्य शुरूवात किया है. इस परिवार ने आगे बढ़कर जरुरतमंद लोगों (वृध्दा आश्रम जाकर) को दोनों वक्त का भोज कराया तथा कपडा दान किया.
हम सभी (भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा संगठन, महाराष्ट्र अंतर्गत, थाने जिला संयुक्त डोंबिवली शहर कमेटी) लोग इस नए शुरूवात का तहे दिल से स्वागत करते हैं.