धमतरी की लोक कलाकार आरू साहू के छठ गीत गाने पर छत्तीसगढ़ के एक संगठन ने विरोध जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। इसके बाद आरू साहू के समर्थकों ने ट्वीटर पर मुहिम चला दिया है । कुछ दिनों पहले आरू साहू ने छठ पर्व से जुड़ा हुआ गीत गाया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ के एक संगठन ने इसका विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करना शुरू कर दिया । पोस्ट में कहा कि इसे दूसरे प्रदेश की संस्कृति को प्रमोट करने की और इससे छत्तीसगढ़िया संस्कृति के नुकसान होने का दावा किया। पोस्ट करते ही बवाल मच गया। आरू साहू के समर्थक सामने आ गये। लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि छत्तीसगढ़ी लोक गायिका आरू साहू ने छठ पर्व के लिए भोजपुरी गाना क्या गा दिया उससे लोगों की त्योरियां चढ़ गई। एक कलाकार कोई भी भाषा और बोली में गाना गा सकता है। आरू तेजी से न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि अन्य प्रदेशों में भी प्रसिद्धि हासिल कर रही है। आरू के समर्थन में ट्वीर में हैसटेक मुहिम भी चलाया जा रहा है। तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू ने आरू का समर्थन किया है। प्रदेश साहू संघ के महामंत्री दयाराम साहू ने कहा कि धमतरी की बेटी एक लोक गायिका के रूप में उभर रही है। वह अपने संस्कृति का पूरा सम्मान करती है। कलाकार कोई भी भाषा में गाना गा सकता
आरू ने जताया खेद
प्रखर समाचार से चर्चा करते हुए आरू साहू ने कहा कि उनका मकसद किसी को आहत करना नहीं है। किसी को ठेस पहुंची हो तो वह क्षमा चाहती है। छत्तीसगढ़िया संस्कृति का सम्मान करती हैं। आरू के परिजनों ने कहा कि जो विरोध हुआ उसे देखकर दुख हुआ है। कलाकार तो कोई भी भाषा बोली में गाना गा सकता है। मौका मिले तो छत्तीसगढ़ी गानों के साथ अन्य गाना भी गाती रहेंगी।