औरंगाबाद सदर प्रखंड स्थित ग्राम जम्होर में अखिल भारतीय तेली महासभा के तत्वावधान में विश्व तेली दिवस के निमित भगवान श्री गणेश का पंचोपचार विधि से पूजन अर्चन किया गया। तत्पश्चात संस्था के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राम बहादुर प्रसाद गुप्ता एवं जिलाध्यक्ष अशोक प्रसाद गुप्ता के आह्वान पर भगवान श्री गणेश एवं तेली जाति के इतिहास के संदर्भ में प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी ने बताया कि आज ही के दिन भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को भगवान श्री गणेश को हाथी का सर लगाकर पुनर्जीवन प्राप्त कराया गया था। जिस घर के मालिक के यहां से हाथी का सिर काट कर लगाया गया था। वह घर साहू व्यापारी व्यक्ति का था । उसी दिन से गणेश चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है और तेली समाज के लोग इस दिन को अत्यंत ही पवित्र मानते हैं। अपने हाथी के मृत पाए जाने पर वह व्यापारी जब जोर-जोर से विलाप करने लगता है तो भगवान शंकर उसे खुश करने के लिए एक मुसल और खरल यंत्र का निर्माण करते हैं उसे यंत्र में तिलहन को चुरण कर तेल निकाल कर दिखाते हैं और आदेश देकर कहते हैं कि अब आप सभी के वंशज इसी यंत्र से तेल निकाल कर अपना जीवन यापन करेंगे। भगवान शिव के आदेश से उस व्यापारी को प्रथम तेली माना गया और वर्तमान तेली समाज उसे ही अपना पूर्वज मानते हैं । मुसल को शिव और खर को पार्वती का प्रतीक माना जाता है। मौके पर युवा प्रदेश अध्यक्ष संदीप कुमार, पिंटू कुमार, सोम प्रकाश रविकर सौरभ राज सहित अन्य उपस्थित रहे।