जयपुर, २०२५: भारतीय तैलिक साहू घांची राठौर महासभा के राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन रविवार को जयपुर के श्री महावीर दिगंबर जैन विद्यालय में भव्य और उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर समाज के देश और प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने समाज की उद्यमशीलता, मेहनत, और व्यापारिक कौशल की सराहना करते हुए कहा कि तैलिक साहू समाज ने न केवल अपनी प्रगति की, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक उन्नति में भी अभूतपूर्व योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि तैलिक साहू समाज ने कृषि, व्यापार, और उद्योग जैसे क्षेत्रों में अपनी कड़ी मेहनत और नवाचार से राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। उन्होंने समाज के लोगों से 'वोकल फॉर लोकल' की भावना को अपनाने का आह्वान किया, ताकि स्थानीय कारीगरों और लघु-कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिले, जिससे भारत आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज की एकजुटता और व्यापारिक दृष्टिकोण ने राजस्थान को औद्योगिक और आर्थिक विकास में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अधिवेशन में सांसद मदन राठौड़, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री राकेश राठौड़, मध्य प्रदेश तेलघाणी बोर्ड के अध्यक्ष रविकरण, विधायक भीमराज भाटी, वरिष्ठ समाजसेवी सोमा भाई मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष उमेश नंदलाल, प्रदेशाध्यक्ष प्रहलाद साहू, रामनारायण साहू, संगम लाल गुप्ता, और समाज के कई प्रबुद्धजन व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस समारोह में समाज के सदस्यों ने एकजुटता का परिचय देते हुए अपनी सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारियों को और सशक्त करने का संकल्प लिया। अधिवेशन में समाज के युवाओं और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इस आयोजन को और अधिक प्रभावशाली बनाया।
मुख्यमंत्री ने समाज के योगदान को 'राष्ट्र निर्माण का आधार' बताते हुए कहा कि तैलिक साहू समाज की मेहनत और समर्पण से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला है, बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा मिला है। उन्होंने समाज के सदस्यों को शिक्षा, कौशल विकास, और नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे वैश्विक मंच पर भी अपनी पहचान बना सकें। इस अवसर पर समाज के नेताओं ने सरकार से लघु उद्योगों के लिए विशेष नीतियां और प्रोत्साहन योजनाएं लागू करने की मांग उठाई, ताकि समाज के युवा उद्यमी और कारीगर अधिक सशक्त हो सकें।