राजिम भक्ति माता की संपूर्ण मानव समाज के कल्याण के लिए राजा जगतपाल को भगवान राजीम लोचन की सिद्ध मूर्ति सौंपी. राजा ने मंदिर निर्माण कर सी मूर्ति की स्थापना की. तभी से राजिम भक्ति तेलीन माता की ख्याती सामाजिक जन्म लिया करते थी. उस समय से ही पवित्र संगम के रूप में बैठकर सामाजिक जन नायक करती थें. उसे सर्वोच्चता का सम्मान प्राप्त था. भक्तिन मंदिर समिति आज वर्तमान में पंजीकृत सामाजिक संस्था है. इस पंजीयन 15 जून 1978 को भेपालसे हुआ. इसका कार्य क्षेत्र संपूर्ण भारत है. समिति संस्थापक अध्यक्ष प्रो. दीनदयाल साहु सचिव बाबूलाल साहू युवा कोषाध्यक्ष धनेंद्र साहू थे.
वर्तमान में हमारे समाज का एक मात्र तीर्थ स्थल तीर्थधम राजिम को संपूर्ण देश में आस्था का केंद्र बनाने के लिए समिति द्वारा भक्तिन माता दरबार निर्माण का संकल्प लिया गया है जिसने संग्रहालय स्मारक धर्मशाला मंदिर का निर्माण होगा अयोध्या सिंह भक्ति माता दरबार का भूमि पूजन शिवरात्रि के पावन पर्व पर 20 फरवरी 2012 को संपन्न हुआ