किसी तरह आरक्षण पा लेंगे, मगर पॉलिटीकल पॉवर हमेशा के लिए खो देंगे
क्षत्रिय जमिनदार जैसे जाट, मराठा जातीयों ने आरक्षण की मांग १५ साल से कर रहे थे| मैने उसी वक्त उनको इशारा दिया की आगर आप सत्ता मे हो तो, किसी तरह आरक्षण पा लेंगे, मगर पॉलिटीकल पॉवर हमेशा के लिए खो देंगे | (पढो मेरी किताब ओबीसी जातींसाठी ४२ कलमी कार्मक्रम २००३, मराठी) मगर उन्होने मेरी एक नही सुनी | आज जाट, मराठा को आरक्षण तो मिल गया मगर परिणामस्वरूप अब उनकी सत्ता हमेशा के लिए चली गयी | उधर हरियाना मे नॉन-जाट खत्तर मुख्ममंत्री हो रहे और इधर महाराष्ट्रा मे ब्राह्मीण फडणवीस | कहते है जमिनदारों की ताकत घुटने मे रहती है|
... आरक्षण पाकर भी क्या हुआ ? ओपन ५० परसेंट मे बहुत कुछ मिल जाता था| अब ओपन का रास्ता इन क्षत्रिमों के आरक्षण की वजहसे सब बहुजनों (एसटी, एससी, ओबीसी) को हमेशा के लिए बंद हो गया है | अब सडो अपने अपने कॉटेगिरि के छोटे तालाब मे | आप कितनी भी कोशीश करले... उनके पास निकलने के लिए रास्ते भी है और सत्ता भी | क्यों की उनकी ताकत दिमाग मे है | आप के पास क्या है? जो भी है वो तो घुटने मे ही है | तिसरी मंझील तो खाली है !!!
- श्रावण देवरे
दिनांक 29-10-2014 00:00:45