तेली समाज का समाजवादी पार्टी से वर्ष 1994 में लखनऊ के बेगम हजरत महल पार्क में साहू राठौर चेतना समिति द्वारा अगोजित की गई रैली से बढ़ा, जिसमें 2 लाख से ज्यदा तेली समाज के लोग सामिल हुए थे मुख्य अतिथि मुख्य मंत्री मुलायम सिंह यादव जी थे उसमे नेता जी ने समिति को 5 लाख रुपये व कार्यालय दिया था उसके बाद लखनऊ से मेयर का टिकट दिया जिसमे लगा की तेली समाज एक हो गया है उसमें ऐतिहासिक वोट मिले उतने वोट पार्टी को आज तक नही मिले।
समाजवादी पार्टी ने जब जब तेली समाज को सम्मान दिया पुरे समाज ने पार्टी को प्रदेश में ही नही पुरे देश में सम्मान व ताकत प्रदान की 2004 में मा0 राम नरायन साहू जी को राज्यसभा का संसद बनाया तो पूरा समाज समाजवादी पार्टी के साथ हो लिया उसके बाद सभी चुनाव में पार्टी को बढ़त व जीत मिली 2004 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यदा सीटे जीती जो आजतक का पार्टी का रिकॉर्ड है। 2007 में समाजवादी पार्टी तेली समाज को भूल गई और एक मात्र विधायक सिद्धगोपाल जी का टिकट भी काट दिया वहीँ बसपा ने सीतापुर से सुरेश राठौर को टिकट दे कर अपनी ओर आकर्षित किया जिसका उसे लाभ मिला और सपा को नुक्सान उठाना पड़ा यह बात पार्टी नेताओ के समझ में आई और 2012 के चुनाव में सपा ने सिद्धगोपाल जी को टिकट व छोटे बड़े पदाधिकारियों व कार्यकताओ को अपनी और आकर्षित किया और उसका लाभ भी मिला यह प्रयास जारी रखना चाहिये ।
क्योंकि तेली समाज सम्मान के बदले अपेक्षा से अधिक सम्मान, अपमान का बदला लेना दोनों जानता है । जय तेली समाज