1) झरिया शाखा , 2) हरदिहा शाखा, 3) राठौर शाखा, 4) रंगहा, 5) तेली वैश्य शाखा, 6) तरहाने तेली शाखा इत्यादी प्रमुख शाखा है ।
1) झरिया शाखा :- इस शाखा को झेरिया या झिरिया भी कहते है । सर्वाधिक जनसंख्या इसी शाखा के लोग मूलत: किसान है ।
2) हरदिहा शाखा :- इस शाखा के लोग रायपुर नगर के आस -पास, धमतरी एवं दुर्ग जिला के धमधा क्षेत्र में निवासरत है । अंग्रेजो ने अपने प्रविेदनों में इन्हें हलिया उल्लेखित करते हुये श्रेष्ठ कृषक भी कहा है । पूर्व विधायक श्री नंद कुमार साहू इसी शाखा से हैं । सन 1931 के जनगणना में इनकी जनसंख्या 1.44 प्रतिशत बतायी गई है ।
3) राठौर शाखा :- इस शाखा के लोग जांजगीर जिला के सक्ती क्षेत्र में निवासरत है । ये अपने आपको क्षत्रिय तेली मानते है । रायपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सोमनाथ साहु असी शाखा से है । अस शाखा की श्रीमती सरोजा राठौर सक्ती से विधायक है ।
4) रंगहा :- इस शाखा के लोगों की संख्या कम है तथा रायुपर, दुर्ग एवं राजनांदगांव जिला में हैं । इस शाखा को मराठा दुबैलिया भी कहते है । इनके पुर्वज अंग्रेज काल मैं नागपुर, वर्धा क्षेत्र से आये थे और तेल का व्यवसाय करते थे । वर्तमान में किसान हैं ।
5) तेली वैश्य शाखा : - इस शाखा के लोग व्यवसायी है और, रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंइ, बालौदाबाजार, इत्यादि शहरों में ही निवासरत हैं ।
6) तरहाने तेली शाखा :- इस शाखा के लोग मूलत: महाराष्ट्र के हैं, जो बडे शहरों में निवासरत हैं । स्व. नारायण राव अंबिलकर इसी शाखा के थैे जो छत्तीसगढ साहू संघ के अध्यक्ष एवं अभनपुर विधान सभा के विधायक निर्वाचक हुये थे ।