दुर्ग छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के संस्थापक एवं दुर्ग लोकसभा के पूर्व सांसद ताराचंद साहू का 10 नंबर की रात्रि 3 बजे मुम्बई के लीलावती अस्पताल में निधन हो गया। अंतिम समय में उनके पुत्र दीपक साहू और दामाद नागेंद्र साहू, (बिलासपुर) उनके पास थे। श्री साहू के निधन का समाचार मिलते ही परिजनों एवं प्रियजनों तथा समर्थकों को शोक की लहर व्याप्त हो गई है। श्री साहू को गंभीर बीमारी के कारण दो सप्ताह पूर्व लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके पार्थिव शरीर को विशेष विमान द्वारा मुम्बई से शाम रायपुर तथा वहां से सड़क मार्ग से उनके निवास 21 बत्तीस बंगला भिलाई लाया गया। उनके निवास में आम जनता के दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को शाम 07 बजे से 12 नवंबर को प्रातः 10 बजे तक रखा जायेगा। पश्चात शव यात्रा प्रातः 10 बजे बत्तीस बंगला से प्रारंभ होकर दुर्ग शहर होते हुए उनके गृहग्राम कच्चान्दुर पहुंचेगी, जहां उनका अंतिम संस्कार दोपहर एक बजे किया जाएगा। वर्तमान जिल्ला बालोद के ग्राम कच्चान्दुर में स्व. हिरामन सिंह साहू के घर 1 जनवरी 1947 को जन्में ताराचंद देश के उन गिने चुने सांसदों में रहे, जिन्हें लगातार चार बार लोकसभा की जंग जीतने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वे अपने पीछे पत्नी भूषण साहू, पुत्र दीपक साहू, पुत्री झमिता साहू (पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष), उमा साहू, शुभलक्ष्मी साहू, उज्जवला साहू समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं।
राजनैतिक सफरः एक नजर में : 1964 भारतीय जनसंघ के सदस्य, 1982-87 दुर्ग जिला भाजपा सचिव, 1990-92 गुण्डरदेही भाजपा विधायक , 1993 गुण्डरदेही क्षेत्र से पुनः विधायक, 1993-96 दुर्ग भाजपा जिलाध्यक्ष, 1996 प्रथम बार सांसद निर्वाचित, 1998 दुसरी बार सांसद निर्वाचित, 1999-99 संसद की उद्योग तथा इस्पात एवं खान मंत्रालय संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य, 1999 तीसरी बार सांसद निर्वाचित, 1999-2003 संसद की उद्योग तथा इस्पात एवं खान मंत्रालय संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य, 2001-02 छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष, 2004 चौथी बार सांसद निर्वाचित, 2004 कोयला, इस्पात, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय संसदीय सलाहकार समिति सदस्य, 2008 अगस्त 10 को छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के गठन की घोषणा कर संस्थापक अध्यक्ष बने, 2009 जनवरी 06 भाजपा से निष्कासन, सिगढ़ स्वाभिमान मंच प्रत्याशी बतौर दुर्ग लोकसभा चुनाव में 2.64 लाख मतों का समर्थन, 2010 अप्रैल 10 छत्तीसगढ़ मंच का क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीयन।