नाराजगी. तेली जाति को अजजा में शामिल करने की मांग को लेकर धरना, उदासन ने कहा तेली समाज को वोट बैंक न समझें
गुमला दक्षिणी छोटानागपुर के रांची, टी, गुमला, सिमडेगा में लोहरदगा जिला की तली जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर तेली समाज के लोगों ने गुरुवार को गुमला के कचहरी परिसर में धरना दिया. मौके पर तेली समाज के केंद्रीय अध्यक्ष उदासन नाग ने कहा कि तेली समाज के लोग व से ठगे जाते रहे है. सरकार हमसे वोट लेती रहीं और काम दूसरों के लिए करती रही. सरकार ने तेली समाज के लोगों का सिर्फ वोट बैंक के रूप में उपयोग किया है. अब यदि हम नहीं देते, तो सरकार की नीति हमें यहां से उखाड़ फेंकेगी, श्री नाग ने कहा कि हम अपने अस्तित्व और अधिकार के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, आज का शांतिपूर्ण धरना सांकेतिक धरना है, यदि तेली समाज को अजजा की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता है, तो दूसरे रूप में आंदोलन करेंगे. समाज के जिलाध्यक्ष राधामोहन साहू ने कहा कि सरकार तेली जाति की उपेक्षा कर रही है. अब आरपार की लड़ाई का वक्त आ गया है, हम अपने हक व अधिकार के लिए एकजुट हो चुके हैं. महिला जिलाध्यक्ष सुनीता देवी ने कहा कि महिलाएं अपने हक व अधिकार के लिए अपने बालबच्चों के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को तैयार हैं हमें हर हाल में न्याय चाहिए, धरना को नीलांबर साहू, बस्ती साहू, कलावती देवी, सुशीला साहू, पुनम देवी, सुनयना देवी, बिंदेश्वर साहू, दिनेश्वर प्रसाद, रामप्रसाद साहू, किशोर साह, हेमा देवी, सुनील कुमार भगत, कृष्ण प्रसाद, नंदकिशोर साह, दुर्गा साहू, तेजमोहन साहू, राम साहू, मोतीलाल ओहदार व रूपनारायण साहू ने भी संबोधित किया. धरना-प्रदर्शन के बाद समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त की मांग पत्र सौंपा, धरना में क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष सूरजदेव सिंह, श्यामसुंदर साहू, लालमुनी देवी, मुनेश्वरी देवी, पोन्नो देवी, रुक्मिणी देवी, मुनी देयो, विरसमुनी देवी, संगीता देवी, जामवंती देवी, संतोष साहू, नीरज साहू, प्रभू साहू, केश्वर साहू, संजय साहू व चंद्रिका प्रसाद सहित काफी संख्या में तेली समाज के लोग शामिल थे.