मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की महिमा का बखान को बहुत ही सुन्दर और मनमोहक आवाज़ के साथ प्रस्तुत करने के लिए आज पूरे प्रदेश में जाने व पहचाने नाम हैं। जिनकी प्रतिभा की भूरी-भूरी प्रशंसा करते है। ऐसे व्यक्तित्व में शुमार है खैरझिटी के रामायणी श्री नंदकुमार साहू।
मिलनसार और मृदुभाषी प्रतिभा के धनी श्री साहू बचपन से मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की गाथा को प्रस्तुत करते आ रहे है। उनकी प्रस्तुति जब भी होती है लोग मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं। उन्होंने बताया कि, आज मैं प्रभू श्रीराम की महिमा का बखान कर पा रहा है वह प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से ही संभव हो पा रहा है, ये मेरा सौभाग्य ही हैं। जो मुझे उनकी महिमा को सुनाने का अवसर मिल पा रहा है। प्रभू श्रीराम की महिमा अपरम्पार हैं।
श्रीराम कथा को बहुत ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत कर लोंगो को श्रीराम महिमा से अवगत कराते हैं। उनकी गायन शैली इतनी मनमोहक हैं। कि जब भी रामायण पाठ के अंतर्गत अपनी गीत के माध्यम से लोंगो को सुनाते हैं तो सुनने वालो के मन को भाव-विभोर कर देती है। ऐसी प्रतिभा बहुत की कम लोंगो में देखने व सुनने को मिलता हैं।
श्री साहू ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें गाँव के ही श्री सदाराम ध्रुव जी से मिली हैं। बाल्यावस्था से ही उनको रामायण पाठ का करते देखते आ रहे है। जब भी उनके द्वारा रामायण पाठ होता तो वे बड़े ही ध्यानमग्न होकर सुनते थे। आज जब वे खुद रामायण का पाठ करते हैं तो उनको बहुत ही आनंद की अनुभूति होती है साथ ही श्रीराम के व्यक्तित्व को लोगों को सुनाकर उनके जीवन को धन्य करने का सौभाग्य मिला है।
आपके द्वारा श्री शोर संदेश मानस मण्डली खैरझिटी का संचालन किया जा रहा है। अब तक रामायण का पाठ करके अनेक सम्मान प्राप्त किये, आपको 500 से अधिक सम्मान स्वरूप शील्ड के साथ 650 से अधिक रामायण ग्रंथ मिल चुका हैं। कुछ साल पहले छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव शहर में रामायण पाठ का प्रदेश स्तरीय आयोजन हुआ जिसमें प्रदेशभर से रामायणी हिस्सा लिए, जिसमें हमारे श्री शोर संदेश मानस मण्डली रवैरझिटी को प्रथम स्थान मिला। जो हमारे लिए बहुत की गौरव की बात हैं।
पूरे सालभर कार्यक्रम की व्यस्तता बनी रहती हैं, छत्तीसगढ़ के अलावा उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में जाकर रामकथा का गायन करते हैं। श्री साहू के कुशल निर्देशन में नवयुवकों को धार्मिक कार्य में जोड़ने हेतु सतत् प्रयत्न किया जा रहा है। इनके मार्गदर्शन में लगभग 300 से अधिक मानस मंडलियों का गठन हुआ है जो पूरे छत्तीसगढ़ में भ्रमण कर रामायण पाठ कर रहे हैं। ज्यादातर बालक एवं बालिकाओं के जीवन में रामकथा का विशेष प्रभाव पड़ता है। श्री साहू के द्वारा कार्यक्रमों की प्रस्तुति के अंतर्गत कई गांवों में सात से नौ दिन तक लगातार रामकथा का आयोजन होता है जिसका समस्त ग्रामवासीगण रामकथा का श्रवणकर अपना जीवन सफल बनाते हैं।
श्री साहू बताते है कि, आज के युवाओं में रामायण भागवत गीता के प्रति रूचि बहुत कम होती जा रही हैं जो बहुत ही सोचनीय विषय हैं। आज की आधुनिक दौर में मनोरंजन के अनेक साधन उपलब्ध हो गये किन्तु ये साधन सिर्फ मनोरंजन करते हैं। बल्कि इसके विपरीत रामायण व भागवत गीता को सुनना व पढ़ना मन को आनंदित के साथ आंतरिक सुख-शांति की प्राप्ति होती हैं। मैं आपके माध्यम से अपील करना चाहता हूँ कि आज का युवा अधिक से अधिक धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करे। जिससे उनको मानसिक शांति के साथ-साथ उनके बौद्धिक ज्ञान का विकास हो सके।