नाम - मिथलेश साहू पिता का नाम : स्व. श्री जीवन लाल साहू जन्मतिथि 28.06.1960 शैक्षणिक योग्यता: एम.ए. समाजशास्त्र, बी.एड. व्यवसाय शिक्षक (आदिम जाति कल्याण विभाग) 02 जुलाई 1984 से अब तक वर्तमान में कार्यरत शा.उ.मा.वि. फुलकर्रा विकासखण्ड गरियाबंद, जिला-गरियाबंद (छ.ग.) निवास ग्राम-बारू, पोस्ट पौड़, तहसील-गरियाबंद, जिला-गरियाद (छ.ग.)
विशेष उपलब्धि :
1. राजकीय शिक्षक सम्मान, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सन् 2003
2. सर्वश्रेष्ठ गायक का फिल्म यर अवार्ड, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सन् 2003 3. राजीव संस्कृति सम्मन सन् 2008
4. आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा लोककलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आयोजित शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति आदिवासी लोक कला महोत्सव एवं संत गुघासीदास पंथी लोक कला महोत्सव में सन् 2007-08-09 में ज्यूरी के सदस्य
5. भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा स्थापित दाऊ महासिंह चन्द्राकर सम्मान सन 2000
6. छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध फीचर मया दे दे मया ले ले', 'परदेसी के मया', 'तोर मया के मारे’, ‘कारी’, ‘फुल कुवर, में गायन एवं अभिनय
7. दूरदर्शन रायपुर से प्रसारित 'अपना अंचल' 'कौशल कथा' धारावाहिकों में गायन एवं अभिनय
8. छत्तीसगढ़ी आडियो कैसेट ‘ममता के मया' 'पीरा’ ‘चिन्हारी' 'लोक रजनी 'पिरोहिल’ ‘मया के गीत' ‘प भर लाई 'लोकरंग के संग' में गायन एवं संगीत निर्देशन
9. छत्तीसगढ़ी वीडियो एलबम 'मौर आ जा सजन' 'मौर जहुरिया' 'सुमिरन' ‘देखी २ तोता म्या के मड़वा ‘मोर मन बसिया बरी 31 में धन एवं संगत निर्देशन।
10. छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच रग सरोवर के संरक्षक एवं मुख्य गायक।
लोकमचीय कला, शिक्षा जगत से संबंधित गतिविधियों एवं उल्लेखनीय उपलब्धियां
1. सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक मंच सौनहा बिहान में मुख्य गायक वादक, नर्तक एवं अभिनेता के रूप में संलग्न सन् 1977 से ।
2, सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों में लगभग 1000 प्रदर्शनों में संगीत निर्देशन, मुख्य गायन एवं अभिनेता के रूप में संलग्न सन् 1977
3. आकाशवाणी रायपुर केन्द्र से पजीकृत लोक गायक के रूप में संलग्न सन् 1978
4. दूरदर्शन केन्द्र रायपुर में लोक गायक के रूप में संलग्न सन् 1978
5. उपग्रह दूरदर्शन केन्द्र, नई दिल्ली से लोक गायक के रूप में संलग्न गायन एवं प्रसारण।
6. उपग्रह दूरदर्शन केन्द्र नई दिल्ली से प्रसारित प्रथम छत्तीसगढ़ी टेलीप्ले, लोरिक चदा में मुख्य गायक, सहायक संगीत निर्देशक एवं अभिनय सन् 1981-82
7. इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ (छ.ग. के लोक संगीत विभाग में विजिटिंग फेलोशिप सन् 1984 में ।
8. शिक्षक के रूप में शालेय छात्र-छात्राओं को परियोजना, संभाग एवं राज्य स्तरीय संगीत प्रतिस्पर्धा में 10 वर्षों तक प्रथम पुरस्कार किया गया सन् 1984 ।
9. उपग्रह दूरदर्शन केन्द्र नई दिल्ली से प्रसारित प्रथम छत्तीसगढ़ी टेलीफिल्म (हरेली) में संगीत निर्देशन गायन एवं अभिनय सन् 1986
10. अखिल भारतीय ज्ञान विज्ञान मंडई, अंजौरा, म.प्र. के सांस्कृति आयोजनों के संगीत समन्वयक सन् 1987
11. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली द्वारा निर्मित एवं दिल्ली दूरदर्शन में प्रसारित धारावाहिक आज का अभिमन्यु में संगीत निर्देशन मुख्य गायन एवं अभिनय सन्न् 1988
12 पर्यावरण संरक्षण पर आधारित लोक नाट्य हरेली का अबुझमाड़ बस्तर से भारत भयन भोपाल तक प्रदर्शन (म.प्र. शासन द्वारा आयोजित) सन् 1988 में।
13. म.प्र. आदिवासी लोक कला परिषद भोपाल द्वारा आयोजित, बसंत जगार रायपुर में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार नर्तक दल के संयोजक एवं समन्वयक सन् 1988-89 9-92
14. सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य गम्मतहा में संगीत निर्देशन मुख्य गायन सन् 1990
15. म.प्र. लोक कला परिषद भोपाल द्वारा आयोजित संपदा उत्सव सीधी एवं चरैवेति उत्सव भोपाल में कमार नर्तक दल का संयोजन एवं समन्वयन ।
16. दुर्ग जिले में चलें साक्षरता अभियान, कुष्ठ उन्मूलन अभियान एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के शासकीय योजनों में विशेष सहयोग एवं सक्रिय योगदान सन् 1992
17. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल द्वारा भिलाई में आयोजित चिन्हारी में लोक नाट्य लोरी के चंदा में संगीत निर्देशन, मुख्य गायन एवं अभिनय सन् 1994
18. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, कुटीर निर्माण में संलग्न एवं सक्रिय योगदान सन् 1994
19. कमार जनजीवन पर आधारित मध्यप्रदेश शासन के आदिम जाति अनुसंधान संस्थान भोपाल द्वारा निर्मित डाक्यूमेन्ट्री फिल्म कमार जीवन शैली में समन्वयन मार्गदर्शन एवं सक्रिय सहयोग सन् 1994
20 पर्यावरण पर आधारित दूरदर्शन नई दिल्ली के लिये प्रस्तावित महत्वाकांक्षी टेलीफिल्म कोपल का संगीत निर्देशन गायन एवं अभिनय सन् 1995-1996
21. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में कमार नृत्य दल का संयोजन एवं समन्वयन सन् 1996
22. छत्तीसगढ़ी लोक कला महोत्सव भिलाई में आयोजित लौक तात्विक परिसंवाद के अंतर्गत नाचा पर व्याख्यान एवं नाचा कला का प्रदर्शन सन 1996
23. छत्तीसगढ़ के लुप्त प्राय लोक गीत, संगीत के शोध एवं संग्रहण कार्य में विशेष संलग्न ।
24, छत्तीसगढ़ अंचल से बाहर अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, भोपाल, टाटानगर, सीधी, शहडोल, ग्वालियर, इलाहाबाद, कटक, भुनेश्वर आदि स्थानों के मची प्रदर्शनों में संगीत निर्देशन, मुख्य गायक एवं अभिनेता के रूप में संलग्न सन् 1977 से अय तक।
रूचिया- लोक संगीत पर्यटन, आदिम जनजातियों से संबंधित सामग्रियों की शोध एवं सग्रहण
आस्था- लोक मंच एवं शिक्षा मेरे लिये मात्र मनोरंजन या जीवकोपार्जन का माध्यम नहीं है। बल्कि एक मिशन है।
लक्ष्य- लोकमचों एवं शिक्षा के माध्यम से लोक सेवा एवं लोक गीत संगीत के प्रमाणिक स्वरूपों का शोध एवं संग्रहण।।