राजनीति में भावना व सद्भावना एक दिखावा हो गया हैं। ऐसे प्रदूषित माहौल में साफ सुथरे लोग राजनीति से परहेज करते हैं। समाज से सरोकार रखने वाले सहज व सरले व्यक्तित्व के सज्जन शख्स जब भी साहस जुटाकर राजनीति से जुड़ते है उनकी कार्यप्रणाली व व्यवहार में फर्क अलग ही दिखाई देता हैं। मौलिक सोच के साथ जनसेवा करने वाले गिने चुनै समाज सेवकों में एक हैं जिला पंचायत धमतरी के अध्यक्ष श्री रघुनंदन साहू जी। ग्रामीण परिवेश में जन्मे, पले और बड़े शख्स ग्रामीण क्षेत्र का नेतृत्व करे इस मंशा से श्री साहू जी ने सेवा के क्षेत्र को चुना व इस पुनित कार्य को करने चल पड़े। युवाओं को स्वाभिमानी एवं आत्म सम्बल बनाने की दिशा में हमेशा प्रयासरत रहते है।
दायित्वों का निर्वहन:
प्रगतिशील किसान परिवार से नाता रखने वाले श्री रघुनंदन साहू बताते है कि मैंने अपने पिताजी स्व. श्रीराम साहू जी की सक्रियता देखकर बचपन में ही संकल्प ले लिया था कि बड़ा होकर मैं अपनी सार्वजनिक विरासत संभालेंगा। सन 1990 में भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता की भूमिका के साथ जनसेवा के कार्य को चुना और अनवरत सेवा के क्षेत्र में जुड़े हुए हैं। श्री साहू जी सन 1990 से 2002 तक नि:स्वार्थ भाव से सेवा के क्षेत्र में लगे रहे। सन 2002 में सरपंच ग्राम पंचायत गुदगुदा के पद पर सुशोभित होकर समाज सेवा को एक नई दिशा दी। हमेशा ग्राम के विकास की सोच के साथ क्षेत्र के विकास की सोच रखने वाले श्री साहू अपनी भागीदारी थरावर देते रहे। अभी वर्तमान में जिला पंचायत धमतरी के अध्यक्ष पद का निर्वहन कर क्षेत्र के विकास में अपनी भूमिका निभा रहे है।
सत्ता के शीर्ष पदो पर अपने आप को स्थापित करने की प्रबल इच्छाशक्ति के साथ समाज सेवा में अपने आप को व्यस्त रखना चाहते हैं। आपकी सोच है कि आज का युवा वर्ग जन हित व जने जागृति में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करे। युवा से ही समाज व देश का भविष्य निर्भर है। जिस समाज में युवा की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा होगी उस समाज का विकास समुचित रूप से होकर ही रहेगा। समाज को संगठित करने में आपसी सामंजस्य से ही बहुत बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है।
समाज सेवा के लिए संकल्पित जीवन:
श्री साहू की दिनचर्या की शुरूआत ही समाजसेवा के साथ होती हैं। अपने घर से निकलने से पहले वे कितने ही लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का हल खोजते हैं। श्री स्वाह जी ने कभी किसी को झठे। आश्वासन नहीं दिया हैं। हमेशा ही उनके विचारों में क्षेत्र की विकास व उन्नति की बातें दिखाई देती है। विकास का पैमाना यह बताते हैं कि जब क्षेत्र का सर्वागीण विकास तभी माना जायेगा अब हर अपनी जिम्मेदारियों को वखवी पहचानकर स्व प्रेरणा से कार्य को करेगा। न किसी प्रकार का भेदभाव, न कोई छोटा न कोई बड़ा हो । सभी आपस में मिलजुलकर समाज व देश के विकास की सोच रखे।
श्री साहू जी बताते हैं कि उन्होंने मेहनत से वैभव एवं लोकप्रियता बनाई है। किसान परिवार में जन्म लेने से किसानो का दर्द बखूबी समझते हैं। श्री साहू का सूत्र वाक्य हैं कि राजनीति में भ्रष्टाचार खत्म होना चाहिए। इससे गरीबों को उनका हक प्राप्त होगा और प्रदेश में खुशहाली बढ़ेगी। आज का किसान एक सशक्त भारत के निर्माण में अपनी महतो भूमिका का निर्वहन कर रहा है। किसान ही भारत भाग्य विधाता है। किसानों के विकास से ही समुचित विकास को गति मिलती है। फिर चाहे वात आधुनिक खेती को अपनाकर आर्थिक उन्नति का रास्ता हो। आर्थिक स्वालम्बी के दिशा में फसल चक्र को अपनाकर अपना आर्थिक विकास कर सकता है। जब किसान संपन्न होगा तब उनके परिवार उच्च शिक्षा के प्रति रूझान पैदा कर अपनी विकास में सभी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
जिला पंचायत अध्यक्ष होने के नाते उन्होंने हमेशा की गाँव, किसान के विकास की बातों को पहली प्राथमिकता से सामने रखा हैं। उनकी सोच है कि गाँव के विकास से ही प्रदेश व देश का विकसित चेहरा सामने नजर आता है। गाँव को संपन्नता के लिए आज सभी एक विचार भाव के साथ आगे बढ़ते चलने की दिशा में सामूहिक प्रयास निरंतर जारी हैं।
युवा पीढ़ी के भविष्य निर्माण में योगदान:
भविष्य के निर्माता युवा पीढ़ी को महत्वपूर्ण योगदान के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे। रचनात्मक कार्यों के प्रति उनमें रूझान पैदा करे। आर्थिक संपन्नता के लिए स्वरोजगार की दिशा में आगे ले जाए। जब व्यक्ति आर्थिक रूप से सक्षम होता है तभी उनके जीवन में बदलाव सामाजिक योगदान की सोच विकसित होती हैं। उकी प्रतिभाओं को पहचान कर उचित मार्गदर्शन से उनके भविष्य निर्माण में सहायक बन सकते हैं। संस्कारवान बनाने के निरंतर प्रेरित करे। समाज के नवनिर्माण में संस्कारित जीवन का बहुत प्रभाव पड़ता हैं। धर्म-कर्म के प्रति आस्था जगती है। समाज को कुछ देने की सोच के विकसित होती है। साहू समाज में महान विभूतियों ने अवतरण लिए। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आदर्श ओवन के निर्माण की सीख ले।
जीवन का आदर्श:
प्रथम आदर्श मेरे माता पिता हैं। उनके जीवन से ही हमेशा सीख मिली है। ईमानदारी के साथ पूरी निष्ठा से जीवन जीने की प्रेरणा सदैव साथ रही। इन्हीं के आशीर्वाद से अपने कर्तव्यपथ पर निरंतर अग्रसर हो रहा हैं। राजनीतिक आदर्श पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न माननीय अटलबिहारी वाजपेयी को मानता हूँ। सर्वतोमुखी विकास के लिए योगदान एवं असाधारण कार्य करने की क्षमता से काफी प्रभावित हैं। उनके विचारों से मुझे हमेशा की उर्जा मिलती है। समाज व देश के प्रति कुछ करने का आत्मविश्वास मिलता है।