स्वामी विवेकानंद जी को अपना आदर्श मानने वाले श्री नंदकुमार साहू सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रचनात्मक कार्यों के साथ निरंतर अग्रसर हैं। राजनीति हो या समाजसेवा का क्षेत्र, हमेशा पार्टी व जनता के द्वारा दिए मौंको को जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित भाव से काम किए। राजनीति का एक ही फार्मूला हैं उस तबके के लिए पूरी ताकत झोंक देना, जो समाज में पिछड़ गया है। लोग गरीबों से उठेंगे तो गाँव, शहर, जिला, प्रदेश व देश की प्रगति हो पाएगी। वे मानते हैं कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती और यही कारण हैं कि बलौदाबाजार क्षेत्र में लगभग 35 वर्षों सर्वागीण विकास की कल्पना के साथ काम कर रहे हैं।
दायित्वों का कुशलता से किए निर्वहन:
सामाजिक एवं राजनीतिक विचारधारा से जुड़े कायों के लिए वे कभी किसी का इंतजार नहीं करते है। वे स्वयं शुरूआत करते हैं और हरसंभव पूरा करने का प्रयास करते है। बलौदाबाजार क्षेत्र में इनके व्यक्तित्व से सभी लोग परिचित हैं। वे सभी से खुलकर मिलते हैं। क्षेत्र की समस्याओं के खुलकर बोलते ही नहीं अपितु उनके समाधान के लिए बेहतर प्रयास भी करते हैं। छात्र जीवन से जनहित के कायों में बराबर भाग लेते आ रहे हैं। स्कुल, कॉलेज को पढ़ाई के दौरान सांस्कृतिक एवं रचनात्मक कार्यो में हमेशा हिस्सा लेते रहे। सन् 1984-85 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष बनकर छात्र हित में काम किए। सन् 1986-87 में डी.के. कॉलेज में संयुक्त सचिव के पद पर जिम्मेदारी निभाई। सन् 1989-92 में मैग्जीन सेक्रेट्री का दायित्व निभायें। सामाजिक संगठनों में हमेशा आपकी भागीदारी रहती थी। सन् 1990 से 1994 तक अध्यक्ष नवयुवक साहू, समाज बलौदाबाजार का पदभार संभालकर युवाओं को समाज के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के प्रेरित किए। सन् 1994 से 1999 में पार्षद बनकर नगर विकास में कार्य करने का अनुभव प्राप्त किए। सन् 2005 से 2012 तक जिला योजना मण्डल रायपुर के सदस्य के रूप में काम किए। सन् 2003-04 में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य युवा मोर्चा के पद पर रहकर युवाओं को एकजुट कर पार्टी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का काम किए।
सन 2005 से 2012 तक बलौदाबाजार नगर का प्रतिनिधित्व करते हुए नगर पालिका परिषद बलौदाबाजार के अध्यक्ष बनकर अपने दायित्वों का निर्वहन किए। अध्यक्ष कार्यकाल में समुचित विकास की व्यवस्था के साथ जनहितों के संवर्धन में निरंतर कार्य करते रहे हैं। नगर विकास की सोच के साथ हमेशा पूरी सक्रियता से विकास के कई सोपान तय किए।
सन 2010 से 2015 तक अध्यक्ष जनपद पंचायत बलौदाबाजार के दायित्व को पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन कर क्षेत्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सन् 2005 से अभी वर्तमान में जनभागीदारी समिति डी.के.कॉलेज के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सन् 2009 से 2015 तक जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा के पद पर काम किए। अभी वर्तमान में नगर साह संघ के मुख्य सलाहकार के तौर अपने अनुभवों व विचारों से सामाजिक उत्थान की दिशा में सहयोग कर रहे हैं।
सामाजिक उत्थान में युवाओं को आगे आने हेतू प्रेरित करें :
युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ सामाजिक एवं राजनीतिक विकास में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। युवाओं को जोड़ने के लिए अधिक से अधिक प्रेरित करने की आवश्यकता है। उनके योगदान से ही बदलाव की सोच को साकार किया जा सकता है। युवाओं की क्षमताओं को पहचानना तथा उसके अनुसार अवसर प्रदान कर सशक्त एंव संगठित समाज की कल्पना को साकार किया जा सकता है। समय-समय पर युवाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम का आयोजन करके उनकी प्रतिभा को सामने लाने का प्रयास करने की आवश्यकता है। बड़े-बुजूर्ग के अनुभवों से उन्हें सीख लेने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। जब भी कोई बदलाव की बात सामने आती हैं तो युवा पीढ़ी ही असली भूमिका का निर्वहन करता हैं। आज की युवा हमारे बेहतर कल के भविष्य निर्माता है। अत: उनके अंदर सेवा का भाव जगाने की जरूरत है। इस प्रयास के साथ ही निश्चित रूप से आने वाले कल को बेहतर बनाकर हमारी अगली पीढ़ी को कुछ दे सकने की स्थिति में रहेंगे।
जीवन का आदर्श:
माता-पिता जीवन के प्रथम आदर्श है। पिताजी को साफ एवं ईमानदार छवि के कारण हमेशा प्रेरणा मिली की जीवन में जब भी कोई काम करना पूरी समर्पण भाव से निष्ठा एवं ईमानदारी की साथ करना है। समाज में ईमानदारी के साथ जीने की सीख दी। उन्हीं के प्रेरणा से ही समाजा एवं क्षेत्र के विकास में जुटे हुए हैं।
स्वामी विवेकानंद जी एवं संत विनोबा भावे के विचारों से आप काफी प्रेरित हैं। इनके जीवन में संघर्षों के अनेकों उदाहरण हैं जिनको हम अपने जीवन में उतारकर सभ्य एवं संस्कारित जिन्दगी के लिए कार्य कर सकते हैं।