शिक्षा पं. रविशंकर शुक्ल वि.वि. रायपुर से बी.काम., एम.ए. तक ग्रहण के पश्चात समाज के लिए कुछ करने की चाहत से पूरी लगन व मेहनत के साथ काम पर जुटे हुए है। बचपन का समय सामान्य परिवेश में व्यतीत हुआ। परिवार खेती-किसानी का कार्य करते हैं। पढ़ाई समय को भरपूर उत्साह के साथ अपने जीवन में उपयोग किया। पढ़ाई की लगन ऐसी की अभी भी पढ़ाई से नाता जोड़े हुए हैं। तीन विषयों एम.ए. की पढ़ाई के उपरांत अभी वर्तमान में एल.एल.बी. की पढ़ाई कर रहे है। शुरू में नौकरी करने की चाहत थी। समय के साथ शौक व पसंद भी बदल गया। सामाजिक आयोजनों में लगातार आने-जाने के कारण समाज सेवा के क्षेत्र से जुड़ गए। इसके पहले विभिन्न विभागों में नौकरी का अवसर मिला। किन्तु समाज के लिए कुछ करने की चाहत से नौकरी जीवन से बंधना नहीं चाहा। नौकरी के बजाय स्वरोजगार के लिए प्रेरित होते रहे। वर्तमान में कंस्ट्रक्शन के व्यवसाय से जोड़कर अपना व परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा कर रहे है। साथ ही एस.बी.आई. जोवन अभिकर्ता के रूप में अपनी सेवायें लोंगो को प्रदान कर रहे हैं। दो भाईयों में बड़े होने के साथ घर-परिवार को जिम्मेदारी को कुशलता के साथ निभा रहे हैं। विषम परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा। श्री साहू को बताते हैं। कि, सन् 2005 में माता जी की तबियत जब ज्यादा खराब हुई तो उस समय बहुत ही टूटा सा महसूस किय। उस समय का दौर बहुत ही पीड़ादायक था। माता जी का तबियत में सुधार हुआ तो मुझे भी बहुत सहारा मिला। घर वालों को पूरा विश्वास हैं। कि मैं जो भी करूंगा उसमें मुझे सफलता अवश्य मिलेगी। परिवार का यही विश्वास मुझ में साहस पैदा करता है। इन्ही विश्वास और साहस के बल पर हर काम को सफलता के साथ कर पाता हूँ।
मिले दायित्वों का कुशलता के साथ निर्वहन :
पढ़ाई जीवन से विभिन्न आयोजनों में आपकी भागीदारी रही। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान छात्र संगठन के कार्यों से जुड़ गए। सन् 2001 में समाज सेवा के क्षेत्र में जुड़कर काम कर रहे हैं। साहू एकता मंच का गठन किया गया। इस मंच के माध्यम से प्रथम बार कम माता की जयंती पर रैली का भव्य आयोजन किया गया। इस रैली का आयोजन जागरूकता लाने को सोच के साथ किया गया। इस गठित समिति के द्वारा हो सारा खर्च वहन किया गया। इस प्रकार के आयोजन से समाज के लोंगो के बोच अच्छा संदेश गया। रैली में लगभग 222 बाईक को शामिल किया गया था। सन् 2002 से 2025 तक युवा प्रकोष्ठ रायपुर जिला के ग्रामीण अध्यक्ष को जिम्मेदारी मिलो। इस जिम्मेदारी को पूरी कुशलता के साथ निभाया। सन् 2005 से 2025 तक जिला महासचिव के पद पर कार्य किए। एक वर्ष तक जिला अध्यक्ष का कार्यभार संभाला। सन् 2009 से 2015 तक युवा प्रकोष्ठ से ही रायपुर ग्रामीण विधानसभा अध्यक्ष बने। 24 सितम्बर सन् 2016 में प्रदेश कार्यकारी संयोजक छ.ग. साहू संघ युवा प्रकोष्ठ का दायित्व मिला। युवाओं को संगठित करके उनकी क्षमताओं के विकास के साथ आत्मनिर्भर बनाने के उद्धेश्य से कार्य कर रहे है।
समाज सेवा में बेहतर प्रयास की आवश्यकता:
सन् 2001 से ही समाज को संगठित करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उस समय सामाजिक जागरूकता का अभाव महसूस किया जाता था। समाज में जागरूकता फैलाने के उद्धेश्य से विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सेवा का कार्य करते रहे। जागरूकता का संदेश जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया गया। सामाजिक सुधार की दिशा में रोटी-बेटी का प्रचलन को सकारात्मक ढंग से समाप्त करके अच्छी पहल की शुरूआत की जा सकती है। आर्थिक सहयोग की भावना का विकास ज्यादा से ज्यादा करना होगा। ताकि समाज उत्थान की दिशा में हर स्तर पर सहयोग को भावना का विकास हो सके। कर्मा माता की जयंती मनाने का समय का उचित निर्धारण कर एक समभाव समय के साथ पूरे उत्साह एवं उमंग पूर्वक मनाने के लिए प्रयास किया जा सकता है। ताकि लंबी अवधि के कार्यक्रम को सीमित करके कम खर्च पर ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किए जा सकते हैं। रोजगार मूलक कार्यक्रमों का आयोजन कर समाज के शिक्षित युवाओं को आर्थिक स्वालंबी के ओर कदम बढ़ाने की दिशा में पहल की जा सकती है। आज समय की मांग है कि शिक्षा का अच्छा विकल्प हो, बेहतर रोजगार मिले।
जीवन का आदर्श:
सर्वप्रथम माता-पिता को मैं अपना आदर्श मानता हूँ। जिनके आशीर्वाद से इस जीवन को अच्छा व बेहतर बनाने की प्रेरणा सदैव मिलती रही। सामान्य परिवार से होने के बाद भी हमेशा परिवार का भरपूर सहयोग मिला। मुझे किसी भी काम के लिए बंदिशों की बेड़ियों में नही जकड़ा गया। कुछ भी करने की स्वतंत्रता के साथ एक सभ्य एंव संस्कारित जीवन के प्रति हमेशा सतर्क करते रहते हैं। माननीय नरेन्द्र मोदी जी को अपना आदर्श मानता हूँ जिसके जीवन से मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती रहती है। राष्ट्र हित की सोच के साथ सबको साथ लेकर चलने की विचारों से काफी प्रभावित हुआ। समाज सेवा के क्षेत्र में मुझे जोड़ने का श्रेय श्री कृष्णकांत साहू जी को जाता है। जिन्होंने मुझे सदैव इस हेतु निरंतर प्रेरित करते हुए समाज सेवा के पुनित कार्य में सहभागी होने के लिए कहते थे। उन्हों के साथ मिलकर समाज सेवा के क्षेत्र में समर्पण भाव से काम कर रहे हैं। हम दोनो की जोड़ी को जानने व पहचानने वाले राम-लखन की जोड़ी से संबोधित करते है। समाज को संगठित कर एकता का ताकत के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
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