दानवीर भामाशाह के वंशज साहू बंधुओं का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। कठोर परिश्रम से धन अर्जित करना और इस धन का मितव्ययता के साथ सदुपयोग करना इस समाज की खास पहचान है। इतिहास साक्षी है,जब-जब राष्ट्र मान और आत्मसम्मान को लेकर कोई विषम परिस्थिति निर्मित हुई है तब-तब साहू समाज ने अग्रणी भूमिका निभाकर सर्वसमाज कल्याण का रास्ता दिखाया है। ऐसे पथ प्रदर्शक साहू समाज के महासमुंद जिला इकाई के सार्थक पहल की इन दिनों समूचे छत्तीसगढ़ प्रदेश में चर्चा हो रही है। मसला है एक सार्थक पहल से करीब एक करोड़ रुपए की लागत से कलेक्टोरेट रोड में भव्य भामाशाह भवन निर्माण का।
जिला साहू संघ के युवा अध्यक्ष तुलसीदास साव बताते हैं कि उन्हे जब समाज सेवा का दायित्व मिला तब समाज के फंड में बहुत कम रुपए था। बहुसंख्यक साहू समाज में विभिन्न् गतिविधियों को संचालित करने फंड का अभाव मन को विचलित कर जाता था। समाज को विकासशील से विकसित और अन्य जाति समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनाने का मन में विचार आया। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए सुसज्जित मंडप बनाने के साथ ही दूरस्थ ग्रामीण अंचल से जिला मुख्यालय आकर शिक्षा ग्रहण करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सुलभ छात्रावास उपलब्ध कराने की सोचकर करीब एक करोड़ पए की लागत से भव्य भामाशाह भवन निर्माण की रूपरेखा बनाई गई। जिला साहू संघ में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ। इस महत्वाकांक्षी योजना को सर्वत्र सराहना मिली। लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया।
इस बीच 22 जनवरी 2017 का वह ऐतिहासिक दिन आया जब इस परिकल्पना को मूर्तरूप देने की आधारशिला रखो गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह के मुख्य आतिथ्य में इस भव्य भामाशाह भवन निर्माण के लिए शिलान्यास हुआ । अच्छी सोच और दानदाताओं के द्वारा किए जा रहे इस प्रयास से मुख्यमंत्री भी काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अपनी ओर से भवन निर्माण में 25 लाख रुपए देने की सहर्ष घोषणा किया।
हर व्यक्ति दे एक ईट का योगदान
जिला साहू संघ का नेतृत्व कर रहे तुलसीदास साव का कहना है कि भवन निर्माण के साथ-साथ ही यहां पर तैलिक वंश की कुलदेवी संत माता की का भव्य मंदिर निर्माण भी प्रस्तावित है। साहू समाव दानशीलता का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए समार के हर व्यक्ति से एक-एक ईंट इस मंदिर निर्माण देकर अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की अपील कर रहा है। जिससे कुलदेवी माता कर्मा के प्रति हमारी आस्था और विश्वास को और भी बना मिलेगा। इसके साथ ही जन-जन तक यह संदेशा पहुंच सकेगा कि एकता में बड़ी ताकत है। आच्छी सोच के साथ किया गया हर काम सफल होता है।