विवाह की आड़ में धन (दहेज) की माग को खत्म करने, दहेज प्रथा को समाप्त करने, दहेज के नाम पर बेटियों की बलि पर विराम लगाने और खर्चीली शादी कर आडंबर को रोकने के साथ ही समाज में आदर्श प्रस्तुत करने के ध्येय से मुनगासेर का प्रथम सामूहिक आदर्श विवाह का स्वर्णिम अध्याय लिखने वालों में सुरमाल साहू समाज परिक्षेत्र के तत्कालीन अध्यक्ष श्री आशाराम साहू (देवरी), उपाध्यक्ष जैतराम साव (लालपुर), स्व. नाथूराम साहू (लालपुर), स्व. कृष्णा साहू (मुनगासेर), लक्ष्मीनाथ साहू (बटोरा), तुलाराम साहू (बिहाझर), स्व. देवनारायण साहू (कसेकेरा), भेउराम साहू (बकमा), स्व. रामू साहू (बाधामुंडा), स्व. लोपचंद साहू (करहीडीह), जैतराम साहू, कंवलराम साहू, सुन्दर साहू, पूरनलाल साहू, (सभी निवासी ग्राम मुनगासेर), लक्ष्मीनाथ साहू, बेनीराम साहू (सोनामुंदी), स्व. सहदेव साहू (साल्हेभाठा), स्व. मेहत्तर राम साह (खोपली), मनिहार साहू (गाजर) आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। जिला साहू संघ रायपुर के तत्कालीन जिलाध्यक्ष स्व. जीवनलाल साव (बिराजपाली) मिशाबंदी के रूप में जेल में रहते हुए भी इस सामूहिक आदर्श विवाह को भरपूर प्रोत्साहित किए। तब करीब 30 हार लोगों की खचाखच उपस्थिति से मुनगासेर का चप्पाचप्पा गौरवन्वित महसूस कर रहा था।