समाज ने संख्या के आधार पर 17 सीटों पर दलों से मांगे टिकट
तेली समाज के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने कहा कि झारखंड में तेली समाज की आबादी लगभग 15 प्रतिशत है। इसके बावजूद तेली समाज का राजनीतिक भविष्य अंधकारमय है। राज्य में तेली समाज किसी भी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक उथल-पुथल करने में सक्षम है। अगर तेली समाज को एसटी का दर्जा नहीं दिया गया, तो झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में लगभग 15 से 20 सीटों पर अपना स्वतंत्र प्रत्याशी खड़ा करेगा। साहू ने ये बातें तेली समाज कोर कमेटी को रविवार को शहर के एक होटल में हुई बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा झारखंड के कई लोकसभा क्षेत्र के कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां तेली समाज का वोट निर्णायक है।
साह ने कहा लोकसभा चुनाव में यह भी देखने को मिला कि प्रधानमंत्री नरेन्द्री मोदी की लहर होते हुए भी कई विधानसभा क्षेत्र में भाजपा पोळे रही है। अभी सरकार के कई विधायक एवं मंत्री होते हुए भी वे अपने विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को बड़त नहीं दिला सके। ' अगर अब भी भारतीय जनता पार्टी नहीं चेती, तो आने बाले विधानसभा चुनाव में उसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। बैठक में राजकुमार साहू ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड के सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से मिलकर अपनी दावेदारी पेश करेंगे और जिन-जिन विधानसभा क्षेत्र में तेली समाज के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। बैठक में सुबोध प्रसाद, डॉ. सुदेश कुमार साहू, डॉ. रामलाल. दयानन्द, बासुदेव प्रसाद, आनन्द साह. विवेक साह. रवींद कुमार आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
समाज ने 17 सीटों पर की दावेदारी
तेली समाज ने आगामी विधानसभा चुनाव में हटिया, बड़कागांव, मांडू. हजारीबाग, बरही, गोमिया, जरमुंडी, राजमहल, गोड्डा, महगामा, जामताड़ा, मधुपर. बाघमारा नाला, जमशेदपुर (पूर्वी), निरसा और डुमरी सीट पर दावेदारी की है। राजनीतिक दलों से टिकट की मांग की है।
समाज की प्रमुख मांगें
पिछड़ी जातियों की आबादी के हिसाब से 36 प्रतिशत आरक्षण दे सरकार विधानसभा की सीटों को 31 से बढ़ाकर 160 करे केन्द्र सरकार, जिससे तेली और सदानों को भी प्रतिनिधित्व मिल सके। अनुसूचित क्षेत्र का पुनः निर्धारण करने के बाद ही पंचायतों के चुनाव हो।