जबलपुर - छत्तीसगढ़ में 25 प्रतिशत साहू समाज की है। वहां का मुख्यमंत्री साहू समाज से होना चाहिए। क्योंकि इस समाज की संख्या अधिक होने के बाद भी समान पहचान और आरक्षण को मोहताज है। जबकि समाज का हमेशा राजनीति मेंसमाजिक स्तर पर, व्यवसायिक और कृषि छेत्र में हमेशा योगदान रहा है। इसके बाद भी आज तक किसी भी पार्टी इस समाज को कोई महत्व नहीं दिया। यह कहना है राष्ट्रीय तेली साहूमहासंघठन के मुख्य संरक्षक पूर्व विधायक किशोर समरिते का जिन्होंने पत्रकारवार्ता में पत्रकारों को बताया। उनका कहना है कि भारत में साहू समाज की आबादी 14 प्रतिशत है। भारत में 28 राज्य केद्र शासित राज्य में 736 जिले है। इस समाज की पहचान राजनैतिक, प्रशासनिक स्तर पर नहीं है। मध्यप्रदेश में 1.20 करोड़ों की आबादी साहू समाज की है इसके बाद भी राजनीति में कोई स्थान नहीं है। प्रसाशनिक स्तर पर आईपीएस, आईएएस, आईएफएस को महत्वपूर्ण विभागों में नहीं रखा जाता। इस वजह से अफसर जाती छिपाने मजबूर हो रहे है। ग्राम पंचायत, नगर निगम, जनपद आदि जगह भी समाज का कोई महत्व नहीं है। भाजपा, कमिस हो या अन्य पार्टी उन्होंने भी कभी साहू समाज को लोकसभा, विधानसभा में चुनाव लड़ने जे लिए टिकट नहीं दी। इन मुद्दों के अलावा अन्य समस्या, परेशानी को लेकर ऊक्त संगठन ने समाज को एकजुट करने और सरकार से किस तरह समाज को महत्त्व मिले उसके लिए प्रयास किया जाएगा।
16 को भोपाल में होगा समाज का सम्मेलन.. समरिते का कहना है कि 19 मार्च को डिडोरी में बृहद स्तर पर सम्मेलन किया गाएगा जिसमें 15 से 20 हजार समाजिक लोगों का आगमन होगा। इसके बाद 16 मई को जोपाल में भी ऊक्त आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन में मुख्य बिंदु समाज को राजनीति ने स्थान दिलाना, प्रसाशनिक स्तर पर प्रतिनिधित्व दिलाने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष रविकरण साहू सहित समाजिक जन उपस्थित रहे।