रायपुर शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी है | इस शहर में डेढ़ से दो लाख साहू रहते हैं जो पांच फिरकों में बंटे हैं | सर्वाधिक जनसँख्या हरदिहा साहू समाज की है ,दुसरे क्रम पर झरिया साहू हैं जिनमें अधिकांश अप्रवासी हैं जो आसपास के इलाकों से शिक्षा या रोजगार के लिए आकार बसे हैं | तीसरे क्रम में तरहाने तेली समाज है जो मराठी भाषी हैं और लगभग 200 वर्षों से निवासरत हैं | चौंथे क्रम में तेली-वैश्य समाज है जो उत्तरभारत एवं मध्यप्रदेश के हैं ,सभी व्यवसायी हैं |अंतिम क्रम में रंगहा साहू समाज है जो मूलतः छत्तीसगढ़ के ही हैं इनकी आबादी सीमित है |
छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ पंजीकृत संस्था है जिसे सबसे शक्तिशाली माना जाता है ,इसकी सभी जिलों में शाखाएं हैं | पूर्व में इस संस्था में झरिया के अलावा अन्य शाखा के लोग भी जुड़े थे किन्तु वर्तमान में यह केवल झरिया साहू का ही संगठन है |