नागपुर - वाड़ी: शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (ITI) नागपुर का नाम श्री संत जगनाडे महाराज से बदलने की प्रस्तावित योजना को लेकर श्री संताजी अखिल तेली समाज संगठन ने तीव्र विरोध जताया है। इस विरोध के तहत संगठन ने मांग की है कि ITI का नाम वैसे का वैसा ही बना रहना चाहिए। इस संबंध में संगठन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक ज्ञापन सौंपा, जिसे वाड़ी नगर परिषद के उपमुख्याधिकारी गौरव गाडगे को प्रेषित किया गया।
संघटन के संस्थापक अध्यक्ष अनिल बाजाई ने बताया कि शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था नागपुर का नाम पहले से ही शासन के आदेश से श्री संत जगनाडे महाराज के नाम पर रखा गया था। इस नाम को बदलने के लिए अब तक किसी भी संगठन, व्यक्ति या समूह ने कोई आपत्ति, आंदोलन या निवेदन नहीं दिया था। फिर भी, हाल ही में व्यवसाय प्रशिक्षण शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी परिपत्रक (संख्या: 6/नियोजन/औ.प्र. संस्था परिवर्तन/2024/25/1938, दिनांक: 18 मार्च 2025) में इस नाम में बदलाव के लिए सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं, जिसका तेली समाज ने कड़ा विरोध किया है।
श्री संत जगनाडे महाराज को तेली समाज के साथ-साथ सभी वर्गों के लिए एक प्रगतिशील संत माना जाता है। उन्होंने अपने समय में जातिवाद, कर्मकांड जैसी कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाई और संत तुकाराम महाराज के अभंगों के जरिए समाज को शिक्षित करने का अभियान चलाया। वारकरी संप्रदाय के विचारों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सामाजिक, शैक्षिक और सुधारवादी कार्य किए, जिसके सम्मान में शासन ने ITI का नाम उनके नाम पर रखा। तेली समाज नागपुर और विदर्भ क्षेत्र में बड़ी संख्या में निवास करता है, इसलिए संगठन ने ITI के नाम में बदलाव न करने की अपील की है।
तेली समाज संगठन ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से आग्रह किया है कि महाराष्ट्र के प्रगतिशील संत जगनाडे महाराज के विचारों का सम्मान करते हुए ITI नागपुर का वर्तमान नाम "श्री संत जगनाडे महाराज" यथावत रखा जाए। मुख्यमंत्री ने इस निवेदन को तत्काल उनके कार्यालय तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस दौरान संगठन के पदाधिकारी अनिल बाजाई (संस्थापक), अनिल दहाघाणे, रोशन वैद्य, उमेश साहु, अजय ईखार, देवा क्षीरसागर, सचिन लिचडे, अर्जुन जांभुलकर, चेतन वरटकर, मोतीराम शहारे, संजय जिवनकर, देविदास साठवणे, और मनोज भुरे सहित कई अन्य मौजूद थे।