सर्वप्रथम 26 दिसंबर 1912 को बनारस फाटक मोहल्ले में समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ जो वर्तमान समय तक निरंतर सक्रिय है । देश के विभिन्न राज्यों में अभी तक 45 अखिल भारतीय महाधिवेशन हो चुके हैं । छत्तीसगढ का साहू समाज भी राष्ट्रीयता के मुख्य धारा में जडाने सदैव उत्साहित रहा है । इसी परिपेक्ष्य में संपूर्णा छत्तीसगढ मे वृहद स्तर पर सर्व प्रथम सन 1912 में गोकुलपुर बगीचा धमतरी में श्री जग रात देवान की प्रेरणा से अधिवेशन हुआ । सन 1914 में धमतरी में पुन: प्रयास हुआ । सन 1920 में महात्मा गांधी के छत्तीसगढ आगमन हुआ, जिससे स्वतंंत्रता एवं रार्ष्ट प्रेम की भावना बलवती हुई । पुनश्च 1926 में आमदीभाठा जिला दुर्ग में एव सलहट बगीचा दुर्ग में विशाल सम्मेलन संपन्न हुआ । धीरे - धीरे सन 1937 में छत्तीसगढ साहू संघ का स्वरूप आया और विभिन्न जिलों में छोटी - छोटी बैंठकें होते रही ।
सन 1946 मैं माधराव सप्रे शाला रायपुर के प्रांगण में अखिल भारतीय तैलिक महासभा का 18 वां अधिवेशन हुआ । इस अधिवेशन में भारत के विभिन्न प्रांतो से लगभग 10 हजार प्रतिनिधी शामिल हुये थे । 13 जून 1961 को छत्तीसगढ साहू संघ का विधिवत पंजीयन कराया गया । सन 1972 में अखिल भारत तैलिक महासभा का 31 वां अधिवेशन बिलासपुर में संपन्न हुआ । इस अधिवेशन के बाद मध्यप्रदेश साहू महासभा का गठन हुआ । दिसंबर 1995 को अखिल भारतीय तैलिक महासभा का स्वर्णजयंती वर्ष पर महाधिवेशन रायपुर के नेतरजी सुभाष स्टेडियम में संपन्न हुआ । 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ साहू संघ का विधवत नाम परिवर्तन कर छत्तीसगढ प्रदेश साहू संघ किया गया ।
संगठनों के विस्तार में साहित्यों का विशेष योगदान रहता है । सन 1960 में साहू संदेश मासिक पत्रिका प्रकाशन प्रारंभ हुआ, श्री पतिराम साव दुर्ग इसके प्रथम संपादक बने । मार्च 1975 से साहू संपर्क का प्रकाशन रायुपर से प्रारंभ हुआ ।
15 मई 1975 को कहासमुंद जिला के मुनगासेर ग्राम सरमाल साहू संघ द्वारा प्रथम आदर्श - सामूहिक विवाह का भव्य आयोजन किया गया , जिसमें 27 जोडो का विवाह संपन्न हुआ था । 1976 में बागबाहरा में 67 जोडों का विवाह इस कार्यक्रम मे हुआ जिसका बी.बी.सी. से. हुआ था तथा दूरदर्शन के लिए डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाया गया ।
वर्तमान मे छत्तीसगढ के सभी 27 जिलों में साहू संघ कार्यरत हैं । Sahu Teli Samaj Organisation History