बलौदाबाजार तहसील के ग्राम रसेड़ा में एक सामान्य कृषक परिवार श्री श्याम लाल साहू के घर 21.10.1974 को द्वितीय पुत्र के रूप में जन्म हुआ, बी.पी. साहू उन्म से ही जुझारू एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे हैं घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण शिक्षा बीच में ही छोड़कर घर के कार्यों में सहयोग करना आरंभ किया। शुरुआत में पशुपालन दुग्ध व्यवसाय से आरंभ किया एवं सन् 1988 से 2007 तक घर के किराना व्यवसाय को आगे बहाया। अपनी कल्पना शक्ति के बलबूते सोमेंट प्लांट के अन्दर एक सामान्य श्रमिक के रूप में कार्य प्रारंभ किया। तत्पश्चात् निरंतर लगनशीलता के कारण आज 900 श्रमिकों के साथ कार्य को सुचारू रूप से संचालित कर रहे हैं एवं सभी अमिक साथियों के साथ पारिवारिक सदस्य के रूप में निरंतर जुड़े हुए हैं। बेहतर प्रशासक के रूप में आज छत्तीसगढ़ में सीमेंट परिवहन का कार्य करते हुए अपनी पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारी को निभा रहे हैं।
समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य:
समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने का विचार हमेशा बी.पी. साहू के मन में रहा है। समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद के साथ उनके आर्थिक विकास में वृद्धि के लिए युवाओं को हमेशा से प्रेरित करते आ रहे हैं।
बड़े बुजुर्गों से सलाह लेकर सामाजिक स्तर पर योगदान देते आ रहे हैं। सेवाभाव की सोच को अपने जीवन में उतारकर सामाजिक जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं। आदर्श सामूहिक विवाह के आयोजनों में 2013 से विशेष भूमिका निभाते रहे हैं। आदर्श विवाह में नव दम्पत्ति को सुखी जीवन-यापन के आशीर्वाद के साथ पचहर रूप में दे रहे हैं।
आध्यात्मिक जीवन से भी लगाव:
आज इस आपाधापी के जीवन में लोग अपने काम करने में मग्न है किन्तु ऐसे भी व्यक्तित्व हमारे बीच सदैव रहते हैं। ऐसे ही एक व्यक्तित्व के लिए श्री बी.पी. साहू जाने जाते हैं। जीवन को संस्कारवान बनाने के लिए आध्यात्मिक गणों के अपनाना चाहिए। इसी सोच को मूर्त रूप देने के लिए काम के साथ-साथ सेवा के क्षेत्र में अध्यात्म में मन लगाया। आर्थिक उन्नति, पारिवारिक जिम्मेवारी व सामाजिक जीवन में अपना योगदान देने के बाद आध्यात्मिक लगाव को अपने से हमेशा जोड़े रखा। हमेशा मन में एक विचार आता था कि जो आय होती है उसमें से कुछ अंश इसमें भी लगाया जाए। इसी सोच के साथ सन् 2012 से भव्य सिंहासन पाट माता मंदिर का भव्य निर्माण आपके कुशल नेतृत्व में संपन्न कराया जा रहा है। इस मंदिर का जीर्णोद्धार शिवनाथ नदी एवम् जमनैय्या नाला के संगम स्थित सोनाडीह (बलौदाबाजार) के पास कराया जा रहा है। मंदिर अभी निर्माणाधीन है। सन् 2018 तक मंदिर जीर्णोद्धार पूर्ण करने की योजना बनाई गई है। सन् 2016 में डमरू के महामाया मंदिर में स्वागत द्वार का निर्माण करवाया गया। सामाजिक विकास एवं उत्थान में नई सोच साहू समाज एक वृहद समाज है। ऐसे में समाज को संगठित करने की दिशा में बहुत से उपायों को अपनाना पड़ता है।
समाज को संतुलित ढंग से कार्य करने के लिए नियमावली का पालन करना आवश्यक है। इसी कड़ी में सामाजिक विसंगतियां दूर होनी चाहिए। ऐसे सिर्फ शिक्षा को बढ़ावा देने पर ही हो सकता है। समाज शिक्षित होगा तो विसंगतियां होगी ही नहीं। समाज के द्वारा बनाये गये नियम सदैव ही समाजजनों को सहयोग के साथ बेहतर जीवन-यापन में सहायक सिद्ध होती है। मेरा मानना है कि पूर्ण शराबबंदी समाज को एक नई दिशा व नई ऊंचाईयां प्रदान करेगी।
राजनीति के माध्यम से समाज सेवा में प्रवेश:
गांव में संभ्रांत परिवार होने के कारण बी.पी. साहू के परिवार को राजनीति में अपार सफलता प्राप्त हुई जिसके चलते निरंतर 2005 से अपने गांव में विकास कार्य सरपंच के रूप में बी.पी. साहू के बड़े भैया एवं भाभी क्रमश: सन् 2005 एवं 2015 से गांव का समुचित विकास कर रहे हैं। सन् 2015 से जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 से 77 वर्ष की आयु में बी.पी. साहू की माता श्रीमती इतवारा बाई साहू जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई जिनके निर्वाचन में बी.पी. साहू को अभूतपूर्वत योगदान
जीवन का आदर्श:
माता-पिता एवं बड़े भैया ही मेरे जीवन के आदर्श हैं। उन्हीं की प्रेरणा व आशीर्वाद से ही जो काम मैं कर रहा हूं वह संभव हो पा रहा है। उन्होंने मुझे परिवार, समाज व क्षेत्र के लिए हमेशा कुछ करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके फलस्वरूप ही पारिवारिक दायित्वों के साथ सामाजिक एवं आध्यात्मिक सोच को मूर्त रूप में सतत् प्रयत्नशील हूं।
शासन-प्रशासन से अपील:
क्षेत्र की समुचित विकास के लिए मॉ ने कुछ करने की इच्छाशक्ति के साथ ही 77 वर्ष की उम्र में जिला पंचायत का चुनाव लड़ी। जिसमें भारी समर्थन के साथ जीत मिली। उनके द्वारा निरंतर क्षेत्र के विकास व उत्थान में पूल निर्माण एवं लिफ्ट इरीगेशन के कार्य के लिए निरंतर प्रयास करते आ रही है।
इस निवेदन के अंतर्गत, सिंहासन पाट माता का मंदिर शिवनाथ व जमनैय्या नाला के किनारे स्थित है। यहां तक जाने की समुचित सुविधा नहीं है। उस मंदिर में पहुंच मार्ग के लिए पुल निर्माण की अति आवश्यकता है। यह मंदिर जन आस्था का केन्द्र है।
पहुंच मार्ग सरल हो जाने पर माता का यह मंदिर जनमानस के लिए श्रद्धा केन्द्र बन जायेगा। इसके अलावा लिप्ट एरीगेशन की सुविधा हो जाने से क्षेत्र के किसानों का विकास बहुत अच्छा से हो पायेगा। खरीफ फसल के साथ रबी की फसल भी ले सकेंगे। इसके उनका आर्थिक विकास होगा।