विद्वान अभी तक यह मानते हैं कि सिंधु सभ्यता काल जिसे पूर्व वैदिक काल भी कहा जाता है, सप्त सैंधव प्रदेश (पुराना पंजाब, जम्मू कश्मीर एवं अफगानिस्तान का क्षेत्र) में, जो मुनष्य थे वे त्वचा के रंग के आधार पर दो वर्ग में विभाजित थे । श्वेत रंग वाले जो घाटी के विजेता थे 'आर्य'' और काले रंग वाले जो पराजित हुये थे 'दास' कहलाये। विद्वान आर्य का अर्थ श्रेष्ठ मानते हैं क्योंकि वे युद्ध के विजेता थे।
महासमुंद कर्मा जागृति महिला मंच महासमुंद के तत्वावधान में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्ष सती साहू के निवास स्थान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत माता कर्मा की पूजा-अर्चना कर की गई। इस मौके पर सती साहू ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का अभियान में गांवगांव में चलाना होगा। जनजागरूकता लानी होगी। बेटे की चाहत ने कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध करने में विवश हो जाते हैं।
भारतीय समाज विभिन्न संस्कृतियों और धर्म और जातियों से निर्मित है । इसकी सभ्यता बहुस्तरीय है । जैसे-जैसे आप इन स्तरों को उधाडते जाएंगे वैसे-वैसे आपको एक नए तथ्य एक नए सत्य मिलते जाएंगे । तेली जाति पर केंद्रित है इसीलिए ज्यादा उड़ान भरने की गुंजाइश भी नहीं है । तेली जाति के लोग पूरे भारत में पाए जाते हैं और अलग अलग नाम से जाने जाते हैं ।
म.प्र. तैलिक साहू सभा भोपाल, जिला इन्दौर कि औरसे प्रथम बार 21 अक्टूबर 2018, रविवार को निःशुल्क युवक - युवती परिचय सम्मेलन, स्थान : बारहबॉल कम्पलेक्स परिसर में आयोजित होने जा रहा है। जिसकी विशेषताएं इस प्रकार है - 1. युवक-युवतियों की परिचय प्रविष्टि पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं है अथति यह पूर्णतः निःशुल्क है सभी प्रतिभागियों के लिए मंच से परिचय देने पर निःशुल्क पुस्तक प्राप्त कर सकते है ।
झारखण्ड तैलिक साहू सभा सम्बन्धता-अखिल भारतीय तैलिक साहू महासभा
आगामी दिनांक 25. 02, 2018 (रविवार) समय प्रातः 10 बजे से स्थान "महात्मा गाँधी स्मारक मध्य विद्यालय" अपर हटिया, राँची- 3 में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक सह होली मिलन समारोह एवं स्वरूचिभोज का आयोजन किया गया है । अतः आप सभी प्रदेश एवं जिला के पदाधिकारी एवं कार्यसमिति के सदस्यों से आग्रह किया है कि सशरीर उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनावें ।