Sant Santaji Maharaj Jagnade
लखनऊ मलिहाबाद में साहू तेली समाज मे राजनीतिक व सामाजिक जागरुकता के लिए प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन मलिहाबाद क्षेत्र के जु्झारु नेता ओमप्रकाश साहू 'मुन्ना' ने किया, कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्री अमृत लाल साहू जी (साहू राठौर चेतना महासंघ -संस्थापक व अध्यक्ष एवं पूर्व अपर जिलाधिकारी) तथा साहू राठौर चेतना महासंघ के अन्य पदाधिकारी श्री कैलाश नाथ साहू जी, लखनऊ तेली साहु समाज राजनीतिक व सामाजिक जागरुकता सम्मेलन
मीनापुर (मुजफ्फरपुर), संस :- बिहार तैलिक तेली साहु समाज के प्रदेश प्रवक्ता सह तैयारी समिती के तिरहुत प्रमंडल प्रभारी मीनापुर बाजार में तैलिक तेली साहु समाज की बैठक की । कहा कि इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बडी संख्या मे तेली समाज के जन प्रतिनिधि चुनाव जीतकर आए हैं जिसकी संख्या सूबे में चार हजार से अधिक है । विधानसभा मे भी पांच विधायक हैं ।
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छत्तीसगढ के तेली साहू समाज में प्रचलित गोत्रं
ब्रम्हा के पुत्र कषपय ऋषि को आदि गोत्र पिता एवं आदिति को गोत्र माता माना जाता है । अभी तक चिन्हित 903 गोत्रों में से लगभग 85 गोत्र छत्तीसगढ में प्रचलन में है :-
1) अष्ठबंधु 2) अठभैया 3) आडिल 4) अटभया 5) अटलखाम 6) अरठोना 7) अडील 8) आटनागर 9) आडी 10) कन्नोजिया 11) कलिहारी 12) कष्यप 13) कुंवरढांढर 14) किराहीबोईर 15) किरण 16) केकती 17) गंजीर 18) गंगबेर 19) गंगबोइर 20) गजपाल 21) गायग्वलिन 22) गाडागुरडा 23) गुरूपंच 24) गुरूमाणिक पंच 25) गुरू पंचांग 26) घिडोरा 27) चंदोले 28) चंदन मलागर Teli Sahu Samaj Gotra Chhattisgarh
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जाति व्यवस्था का इतिहास पुराना नही है किन्तु वर्ण व्यवस्था प्राचीनतम है संभव है । प्रारंभिक अवस्था में कृषी कर्म ही सभी के लिए सहज रहा। कृषि अवंलबित कार्य में कुशलता भी इसकी पृष्ठभूमि बनी । यहां सत्ययुगीन किवदन्ति को स्वीकार करे तो कोल्हू निर्माण की परिकल्पना प्राचीन रही, जिसमें पेरने के लिए तेल उत्पत्ति के लिए तिल आदि बीज मिले जिससे सहज तेली का आधार कारण हुआ जो तेल एवं खली को उत्पन्न करे वही तेली.
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भारत वर्ष में सन 1931 में अंतिम बार जाति आधारित जनगणना हुई थी, जिसके आधार पर 3 से 4 प्रतिषत जनसंख्या अनुमानित है । छत्तीसगढ के रतनपुर राज्य सन 1818 से 1820 तक अंग्रेज अधीक्षक कर्नल एग्न्यू द्वारा परिवारों की गणना करायी गई थी, जिसमें साहू परिावर 9.5 प्रतिशत पाये गये । सन 1931 की जनगणना अनुसार साहू समाज की जनसंख्या 10.5 प्रतिशत थी । इसके बाद सरकार की नितियो में अनुकूलता के कारण पडोसी राज्यों से बडी संख्या में अगमन हुआ ।