भक्त शिरोमणि माता कर्मा जी का जन्म नागौर जिले की मकराना तहसील के कालवा गाँव में जीवनराम के घर चार सौ साल पहले सन् 1614 (विक्रमी 1671 की श्रावण कृष्णत व्दाीदशी) को हुआ था । काफी जप-तप करने के बाद होने की वजह से इस कन्या( का नाम कर्मा रखा गया । करमा के जन्मि पर पूरे गांव में मंगल गीत गाये गये । बाल्य काल से ही कर्मा के चेहरे पर एक अनूठी आभा दिखाई पड़ती थी । अकेली होने से वह घर की लाड़ली थी, पर खेल-कूद के स्थाभन पर घर के एकान्ती में वह पालथी मार कर बैठ जाती और चारभुजा नाथ को निहारती रहती । जीवनराम का घर कालवा के चारभुजा नाथ मंदिर में ही था और घर के आंगन से मंदिर में स्थित भगवान की मूर्ति साफ दिखाई देती थी । भगवान की सेवा-पूजा का काम जीवनराम ही करते थे ।
राजिम भक्ति माता की संपूर्ण मानव समाज के कल्याण के लिए राजा जगतपाल को भगवान राजीम लोचन की सिद्ध मूर्ति सौंपी. राजा ने मंदिर निर्माण कर सी मूर्ति की स्थापना की. तभी से राजिम भक्ति तेलीन माता की ख्याती सामाजिक जन्म लिया करते थी. उस समय से ही पवित्र संगम के रूप में बैठकर सामाजिक जन नायक करती थें. उसे सर्वोच्चता का सम्मान प्राप्त था. भक्तिन मंदिर समिति आज वर्तमान में पंजीकृत सामाजिक संस्था है. इस पंजीयन 15 जून 1978 को भेपालसे हुआ. इसका कार्य क्षेत्र संपूर्ण भारत है. समिति संस्थापक अध्यक्ष प्रो. दीनदयाल साहु सचिव बाबूलाल साहू युवा कोषाध्यक्ष धनेंद्र साहू थे.
रायपुर - प्रदेश साहू संघ की युवा प्रकोष्ठ नया रायपुर की 16 सड़क और 32 चौक-चौराहों कि प्रस्तावित नामकरण से पहले चौराहों और सड़कों को माता कर्मा का नाम देने की मांग उठाई है. प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष साहू ने कहा कि नया रायपुर की कुछ सड़को और चौराहों को समाज के आराध्य माता कर्मा दानवीर भामाशाह और राजीव माता का नाम देते हुए उनकी प्रतिमा वहां स्थापित की जाए.
माँ कर्माबाई का जीवन परिचय, Maa Karma Devi Jivan Parichay साहू तेली समाज की आराध्य देवी
जन्म:- पाप मोचनी एकादशी संवत् 1073 सन् 1017ई0 माँ कर्मा आराध्य हमारी, भक्त शिरोमणी मंगलकारी। सेवा, त्याग, भक्ति उद्धारे, जन-जन में माँ अवतारे।।
परम् आराध्य साध्वी भक्ति शिरोमणी माॅ कर्माबाई देश-विदेश में आवासित करोड़ो-करोड़ो सर्व साहू तेली समाज की आराध्य देवी कर्माबाई की गौरव गाथा जन-जन के मानस में श्रद्धा भक्ति के भाव से विगत हजारों वर्षो से अंकित चली आ रही है। इतिहास के पन्नों पर उनकी पावन गाथा तथा उसने सम्बन्धित लोकगीत किंवदतिया और आख्यान इस बात के प्रमाण है कि माॅ कर्मबाई कोई काल्पनिक पात्र नहीं है। माॅ कर्माबाई का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी नगर में चैत्र कृष्ण पक्ष के पाप मोेचनी एकादशी संवत् 1073 सन् 1017ई0 को प्रसिद्ध तेल व्यापारी श्री राम साहू जी के घर में हुआ था।
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संत शिरोमणि माँ कर्मा की आरती
||संत शिरोमणि माँ कर्मा की जय ||
ॐ जय कर्मा माता , ॐ जय कर्मा |
राम शाह घर जन्म लियो , सब जग है ध्याता || ॐ ||