युवा प्रकोष्ठ साहू समाज छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में आज दिन शनिवार को खुर्सीपार भिलाई के कर्मा माता मंदिर में सामाजिक भाई बंधुओं के द्वारा पूजा अर्चना का कार्यक्रम किया गया जिसमें प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ युवा प्रकोष्ट प्रदेश संगठन सचिव प्रेमकिशन साहू जी,प्रदेश युवा प्रकोष्ठ सयुक्त सचिव सूरज साहू जी संतोष साहू , रितेशजी, अंकुश साहू जी समीर साहू जी,कमलेश साहू जी
वर्ष 2016 में भक्त शिरोमणी माता करमा की जयंति के एक हजार वर्ष पूर्ण होंगे। इस वर्ष को यादगार बनाने के लिए तैलिक साहू समाज की आराध्य एवं आदर्श भक्त माता कर्मा के नाम डाक टिकट जारी करने की मांग को लेकर बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मा. लखनलाल साहू के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रधानमंत्री मा. नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
लेखिका - सौ. प्रज्ञा अभिजित देशमाने
संत कर्मा देवी ह़या तेली समाजातील प्रसिद्ध संत होत. परंतु महाराष्ट्रातील मराठी भाषीक जनतेस त्याची फारशी माहिती नाही त्यामुळे त्यांच्या माहिती साठी हे छोटेसे जिवन चरित्र प्रसिद्ध करित आहोत. जय कर्मा देवी
तेली समाज पुरे देश मै फैल हुवा है तेली समाज की महान संत मॉ कर्मा देेवी के जिवन चरित्र के बारे मै जादा तर महाराष्ट्रके मराठी भाषीक तेली समाजा को जादा जानकारी नही है इसलिए यह छोटासा चरित्र मराठी भाषा मैै
जवळ जवळ एक हजार वर्षीपुर्वी उत्तरप्रदेशातील झाशी येथे श्री. रामशाहा हे एक प्रतिष्ठीत तेली व्यापारी होते. त्याचा व्यापार हा सर्व देशात पसरलेला होता. ते एक समाज सुधारक, दयाळु, धर्मात्मा आणि परोपकारी व्यक्ती होते. त्यांच्या पत्नीस शुभ नक्षत्र, चैत्र माघच्य कृष्ण-पक्षच्या एकादशीस सन 1073 मध्ये एक कन्या रत्न प्राप्त झाले. महान पंडीतांकडून या मुलीची जन्म पत्रीका बनवली गेली. पंडीतांनी गृह - नक्षत्र पाहुन सांगितले की तुम्ही खुप भाग्यवंत आहात की तुम्हाला एवढी गुणवान कन्या रत्न प्राप्त झाले आहे. हि मुलगी भगवंताची महान उपासक बनेल. विधी शाास्त्रानुसार या मुलींचे नाव कर्माबाई असे ठेवण्यात आले.
मित्रों, जिस तेली जाति में..जिस वैश्य वर्ण व समाज में हमारा जन्म हुआ है ! वह जाति..वह वर्ण परम पवित्र और अत्यंत श्रेष्ठ है !
हमारे पूर्वजों ने उस समय तिल और तिलहन की खोज की थी, तिल से तेल निकाला और सारे संसार को प्रकाश से जगमग किया था..जब सारा संसार गहन अंधकार में डुबा हुआ था, जब रात में रौशनी के लिए कोई साधन नहीं था.! हमारे महान् पर्वजों ने कोल्हू नामक यंत्र का आविष्कार किया था, जब संसार में किसी वैज्ञानिक संसाधन उपलब्ध नहीं थे..! ऐसे वैज्ञानिक पूर्वजों के प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए !
प्राचीन काल में हमारी इस पवित्र जाति में अनेक संतों, भक्तों, वीरों, दानियों, सतियों और समाज सेवकों तथा महान् विभूतियों ने जन्म लिया है, जिनमें महाभारत काल के महात्मा तुलाधार, दुर्गा सप्तशती में वर्णित समाधि वैश्य, स्कन्दपुराण के..सत्यनारायण कथा के महान् पात्र साधु वैश्य, हठ योग के प्रणेता गुरुगोरक्षनाथ, कर्मा बाई साहू ने, राजिम तेलिन भक्तिन ने, दानवीर भामाशाह आदि हैं, जिन्होंने समाज के समक्ष श्रेष्ठ आदर्श रखा और सामाजिक परिवर्तन का कार्य सम्पन्न किया था ! आज पुनः हमें अपनी तेली जाति को जगाने की आवश्यकता आन पड़ी है !
teli samaj ke aise mahapurush jinhune itihas me nam likhaya. jinhone desh aur duniya ko disha de. unke itihas se sabak le aur itihas likhane walo ke katar me jude. aapka intejar rahiga.
Description
01. Bhakt Shiromani Karmabai (भक्त साधिका भक्तकर्मा बाई)
02. योगीश्वर गुरु गोरखनाथ ८ वी शताब्दी
03. महापुरुष राजुरामजी महाराज
04. पतिव्रता नारी सती बेहुला एवम दक्षिण की देवी कन्न्गी
05. महान कवयित्रि खगनिआ १७ वी शताब्दी