Sant Santaji Maharaj Jagnade
राधेश्याम साहू, एडवोकेट सआदतगंज, लखनऊ
सर्वे भवन्तु सुखिनाः सर्वे सन्तु निरामयः । सर्वे भद्राणि पश्यतु मा कश्चित दुख लि भाग भवेत।। का भाव अंगीकृत करके "संघे शक्ति' कलियुगै" के मूल मंत्र को मन में संजोकर बाढ़ (पटना) निवासी स्वनामधन्य बाबू काली प्रसाद व आजमगढ़ निवासी बाबू महावीर प्रसाद वकील और उनके सहयोगियों द्वारा धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में अखिल भारतीय तैलिक वैश्य महासभा की नींव सन् 1912 में रखकर समाज के सर्वांगीण विकास हेतु जो दीप प्रज्ज्वलित किया गया था
श्री राम नरायन साहू जी सांसद से समाज के एक वरिष्ठ नागरिक एवं अवकाश प्राप्त पी०सी०एस० साहू बी० पी० जायसवाल ने उनके जीवन तथा समाज की प्रगति से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर बातचीत की। बातचीत का संक्षिप्त विवरण प्रश्न उत्तर के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है -
1. प्रश्न - विद्यार्थी जीवन में तथा राजनीति में आने से पहले आपने अपने जीवन के सम्बन्ध में क्या कल्पना की थी?
कैलाश नाथ साहू, महामंत्री, उ०प्र० साहू राठौर चेतना समिति राष्ट्रीय तैलिक साहू राठौर चेतना
हम एक लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं और यह जानते हैं कि हमारी यात्रा अभी लम्बी है, नदी को सागर तक पहुंचने में अनेक अवरोधों का सामना करना पड़ता है। बड़ी-बड़ी चट्टानें उसके मार्ग में आती हैं और रुकावटें डालती हैं लेकिन इन अवरोधों से टकराकर नदी के प्रवाह में तेजी व उत्तेजना पैदा होती है। वह अपने बहने के तारतम्य को नहीं तोड़ती और एक क्षण ऐसा आता है जब अवरोधों को अपने आप हट जाना पड़ता है या उसक प्रवाह में टूट-टूट बह जाना पड़ता है।
बिहार प्रदेश तैलिक साहू सभा के अभिनंदन समारोह का आयोजन
प्रदेश अध्यक्ष रणविजय साहू ने बिहार प्रदेश तैलिक साहू सभा के अभिनंदन समारोह में कहा कि पूरे प्रदेश में हमारी जाति की आबादी 7% है, हम दानवीर भामाशाह के वजह है, हमारे खून में सेवा भाव है, परन्तु राजनैतिक साजिश के तहत इस जात को मुख्य धारा से अलग रखने का काम किया गया है।
दानवीर भामाशाह के वंशज साहू बंधुओं का अपना एक गौरवशाली इतिहास है। कठोर परिश्रम से धन अर्जित करना और इस धन का मितव्ययता के साथ सदुपयोग करना इस समाज की खास पहचान है। इतिहास साक्षी है,जब-जब राष्ट्र मान और आत्मसम्मान को लेकर कोई विषम परिस्थिति निर्मित हुई है तब-तब साहू समाज ने अग्रणी भूमिका निभाकर सर्वसमाज कल्याण का रास्ता दिखाया है।