मेहनत व ईमानदारी के बलबूते बड़ा से बड़ा कार्य किया जा सकता है। बस लगने की जरूरत होती है। इसी वाक्य को अपने जीवन में उतारकर सम्मान व प्रतिष्ठा के साथ जीवन जीने का सूत्र बताते हैं डॉ. धीरेन्द्र साव। सभी के मन में अपनी अलग पहचान बना पाने में सफलता हासिल की। प्राथमिक शिक्षा बुन्देली स्कूल से कक्षा पहली से सातवी तक फिर कक्षा 8वीं से 11वीं तक महासमुन्द में हुई। स्कूली पढ़ाई के दौरान कक्षा 6वीं की पढ़ाई में नाटक मंचन के माध्यम से कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।
सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में जमीनी सूझबूझ वाले ग्रामीण जनप्रतिनिधी के लिए सामाजिक कार्यकर्ता श्री रूपसिंग साहू जी जाने जाते हैं। हमेशा से ही लोकहित की भावना को अपने जीवन में उतारकर अपने सफर में चल रहे है। क्षेत्र के लोगो के सुख-दु:ख में हमेशा सहभागी रहने के कारण लोंगो के दिलों में राज करते है। जमीन से जुड़े कार्यकर्ता के लिए पद कोई मायने नहीं रखता। सेवा की भावना को अपने दिल में रखकर मजबूती के साथ कार्य करने का मजा ही कुछ और होता हैं।
अभिमान से बचो, स्वाभिमान को मत त्यागो- अपने मेहनतकश पिता को इस सोख पर सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। राजनीति हो या जीवन पथ, सादगी व संयमित जीवन शैली, कठिन से कठिन इगर पर चला जा सकता है। सफलता पाई जा सकती है। ऐसे ही शख्सियत है डॉ. रामकुमार साहू। पिता श्री रामविशाल साहू से जनसेवा के लिए राजनीति करो, धनोपार्जन के लिए नहीं की सीख हमेशा मिलती रही।
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डॉ. दयाराम साहू का जीवन को टटोला जाय तो अनेको अनुभवों के साथ-साथ प्रेरणात्मक बातें भी नजर आती है। सभी से मिलने जुलने के कारण उनकी छवि हमेशा ही आम लोगो के लिए कौतूहल का विषय रहता है। गायत्री परिवार से जुड़े श्री साहू का जीवन बहुत ही अध्यात्मिकता से भरा हुआ है। धार्मिक विचारधारा से जुड़े हुए व्यक्ति है। किसी भी व्यक्ति का जीवन संघर्ष से हो निखरता हैं।
व्यक्ति के विकास में समाज को भूमिका अहम होती है। समाज से ही संस्कार व प्रेरणा मिलती है। आदर्श जीवन स्थापित करने में समाज हमेशा ही साहस और विश्वास देता है। हमारा साहू (तेली) समाज हमेशा ही अनुकरणीय रही हैं, इसमें ऐसे महान विभूतियों ने जन्म लिए जिनके जीवन से प्रेरणा व सौख लेकर उज्जवल व आदर्श जीवन स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो सका।