Sant Santaji Maharaj Jagnade Sant Santaji Maharaj Jagnade
संत संताजी महाराज जगनाडे

तेली समाजातील व्यक्तीमत्व मधुकर नेराळे

      मधुकर नेराळे :-   मधुकर नेराळे  हे तेली समाजातील श्रेष्‍़ठ कलांवंत. लोककला कराना त्‍यांचे हक्‍क  व  आधिकार मिळवुन देणाारे श्रेष्‍ठ व्‍यक्‍तीमत्‍व. ज्या काळात तमासगीर कलावंत, प्रतिष्ठित समाजात त्याज्य मानले जात, त्या काळी श्री. मधुुकर नेराळेंनी त्यांना संघटित करून आदराचे स्थान मिळवून दिले. तमाशा ही बहुजनांची कला अभंग राहुन लोकप्रिय वहावी म्हणून, ललबागला हनुमान थिएटर हा खुला रंगमंच उभारन तमाशा आणि तत्सम लोककलांना उपलब्ध करून दिला, एकेकाळी असं म्हटलं जायंच की, ढोलकी ऐकावी ती हनुमान थिएटरात, घुंगरूंच्या नाजकतीस तमाशा हनुमान थिएटर आणि मधुकर नेराळे ही नावे, मुंबईच्या कलाक्षेत्रात अनेक वर्षे पक्की निगडित आहेत.

दिनांक 24-07-2016 01:01:45 Read more

पनवेल येथील राज्यस्तरीय- जय संताजी तेली समाज मंडळ वधु-वर पालक परिचय मेळावा साजरा

Panvel teli samaj vadhu var melava पनवेलमध्ये प्रथमच तेली समाज मंडळातर्फे वधु-वर मेळावा आद्य क्रांतीवीर वासुदेव बळवंत फडके नाट्यगृहामध्ये दिनांक ३०/११/२०१४ रोजी (रविवार) मोठ्या उत्साहात पार पाडला. पनवेल येथील जय संताजी तेली समाज मंडळाचे अध्यक्ष श्री. सतीश वैरागी यांच्या अधिपत्याखाली कार्यक्रमाचे आयोजन करण्यात आले. विदर्भ, मराठवाडा, पश्‍चिम, उत्तर महाराष्ट्र तसेच कोकण विभागातील वधु-वर पालक व तेली संस्थेचे अध्यक्ष व कार्यकारणी मंडळ मेळाव्यात मोठ्या प्रमाणात सहभागी झाले.

दिनांक 18-12-2014 02:19:53 Read more

दानवीर भामाशाह

teli samaj and Bhamashah         भामाशाह का जन्म राजस्थान के मेवाड़राज्य के  तेली परिवार में 29 अप्रैल, 1547 को हुआ था। इनके पिता भारमल थे, जिन्हें राणा साँगा नेरणथम्भौर के क़िले का क़िलेदार नियुक्तकिया था। भामाशाह बाल्यकाल सेही मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के  मित्र, सहयोगी और विश्वासपात्र सलाहकार रहे थे। अपरिग्रह को जीवन का मूलमंत्र मानकर संग्रहण की प्रवृत्ति से दूर रहने की चेतना जगानेमें भामाशाह सदैव अग्रणी थे। उनको मातृ-भूमि के प्रति अगाध प्रेम था। दानवीरता के लिए भामाशाहका नाम इतिहास में आज भी अमर है। धन-संपदा का दान भामाशाह का निष्ठापूर्ण सहयोग महाराणा प्रताप के जीवन में महत्त्वपूर्ण और निर्णायक साबित हुआ था ।

        मेवाड़ के इस वृद्ध मंत्री ने अपने जीवन में काफ़ी सम्पत्ति अर्जितकी थी। मातृ-भूमि की रक्षा के लिए महाराणा प्रतापका सर्वस्व होम हो जाने केबाद भी उनके लक्ष्य को सर्वोपरि मानते हुए भामाशाह ने अपनी सम्पूर्ण धन-संपदा उन्हें अर्पित कर दी। वह अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति के साथ प्रताप की सेवा में आ उपस्थित हुए और उनसे मेवाड़ के उद्धार की याचना की । माना जाता है कि यहसम्पत्ति इतनी अधिक थी कि उससे 11 वर्षों तक 25,000 सैनिकों का खर्चा पूरा किया जा सकता था । महाराणा प्रताप 'हल्दीघाटी का युद्ध' ( 18 जून, 1576 ई.) हारचुके थे, लेकिन इसके बाद भी मुग़लों पर उनके आक्रमणजारी थे। धीरे- धीरे मेवाड़ का बहुतबड़ा इलाका महाराणा प्रताप के कब्जे में आनेलगा था।

दिनांक 23-07-2016 19:17:11 Read more

किसी तरह आरक्षण पा लेंगे, मगर पॉलिटीकल पॉवर हमेशा के लिए खो देंगे

क्षत्रिय जमिनदार जैसे जाट, मराठा जातीयों ने आरक्षण की मांग १५ साल से कर रहे थे| मैने उसी वक्त उनको इशारा दिया की आगर आप सत्ता मे हो तो, किसी तरह आरक्षण पा लेंगे, मगर पॉलिटीकल पॉवर हमेशा के लिए खो देंगे | (पढो मेरी किताब ओबीसी जातींसाठी ४२ कलमी कार्मक्रम २००३, मराठी) मगर उन्होने मेरी एक नही सुनी | आज जाट, मराठा को आरक्षण तो मिल गया मगर परिणामस्वरूप अब उनकी सत्ता हमेशा के लिए चली गयी | उधर हरियाना मे नॉन-जाट खत्तर मुख्ममंत्री हो रहे और इधर महाराष्ट्रा मे ब्राह्मीण फडणवीस | कहते है जमिनदारों की ताकत घुटने मे रहती है|
दिनांक 29-10-2014 00:00:45 Read more

About Us

Teliindia.in it is a website
of teli Galli magazine.
It is about teli Samaj news and
teli Samaj matrimonial From 40 years

Thank you for your support!

Contact us

Teli India, (Abhijit Deshmane)
Pune Nagre Road, Pune, Maharashtra
Mobile No +91 9011376209, +91 9011376209
Email :- Teliindia1@gmail.in