राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन बैरसिया मध्य प्रदेश के श्री संजय जी साहू बैरसिया मध्य प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी पद पर प्रथम कार्यकाल हित राष्ट्रीय तेली साहू महा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरारी गुप्ता, मिथलेश साहू राष्ट्रीय अध्यक्ष छात्र प्रकोष्ठ, प्रियंका आनंद भगत राष्ट्रीय प्रभारी छात्र प्रकोष्ठ, के अनुशासन से नियुक्त किया गया है. तेली साहू समाज से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी गई.
लोहरदगा - तेली जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर लोहरदगा में धरना प्रदर्शन हुआ। छोटानागपुरिया तेली उत्थान समाज द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा गया । समाहरणालय के समक्ष धरनाप्रदर्शन को संबोधित करते हुए मुख्य संरक्षक डॉ टी साहू ने कहा कि दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में निवास करने वाले तेली जाति का इतिहास संस्कार और संस्कृति आदिवासी जैसा है।
इंदौर के इंदिरा बिजनेस स्कूल में रखा है स्कल्पचर
बैतूल उम्र 21 साल नाम श्रद्धा साहू यह नाम आप किसी परिचय का मोहताज नहीं रहा । इतनी कम उम्र में श्रद्धा ने गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा कर अलग पहचान बनाई है । 14900 किलो का उपयोग करके 17 घंटे 39 मिनट में विश्व शांति का प्रतीक बनाने पर वसूल की श्रद्धा साहू एवं उनकी टीम का नाम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है । श्रद्धा साहू इस टीम की ऑपरेशन हेड थी और टीम में केवल वे ही नॉन प्रोफेशनल थी ।
राष्ट्रीय साहू युवा विकास महासमिति जिला इकाई नरसिंहपुर के तत्वधान में जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण क्षेत्र की प्रतिभाशाली विद्यार्थियों समाज सेवीयो को सम्मानित करने के उद्देश्य से साहू समाज नरसिंहपुर का एक दिवसीय सद्भावना समारोह का आयोजन किया जा रहा है । कार्यक्रम शुक्रवार दिनांक 14 दिसंबर 2018 को सुबह 11 बजे तहान ग्राम दहलवाड़ा (गाडरवारा) जिला नरसिंहपुर में आयोजित होगा ।
भक्तिन माता राजिम के त्याग को लोग याद करते हैं।
राजिम की सांस्कृतिक ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक उपलब्धि के पीछे एक महान नारी का आत्मोत्सर्ग अनन्य सेवा भाव श्रम एवं साधना का फल जुड़ा हुआ है, भले ही इसे आज विस्मृत कर दिया गया हो अथवा जाति विशेष का कर्तव्य मान प्रबंधक वर्ग निश्चित हो गये हो पर जिस नारी ने निस्वार्थ भाव से अपना सब कुछ अर्पित कर दिया हो उसे नाम की कोई लालसा नहीं थी. उसने आराध्य का साथ मांगा था और अपना प्राणोत्सर्ग भी उन्हीं के श्री चरणों में किया था, आज भी अपने प्रिय भगवान के सामने इस सती की समाधि विद्यमान