Sant Santaji Maharaj Jagnade
मतरी शहर से लगभग 3 कि.मी. दूरी पर तेलीन सत्ती गांव है। कुछ तथ्य पुरातत्व विभाग से तो कुछ ग्रामीणों द्वारा जानकारी मिली वह नीचे अंकित हैं। 15वीं, 16वीं शताब्दी में सातबाई नामक एक अविवाहित लड़की जो कि किरनबेर साहू जाति का एक प्रसिद्ध गोत्र (किरहा बोईर) गोत्र की थी। भनपुरी ग्राम में रहती थी। सात भाईयों की इकलौती बहन थी। इसलिये ये लोग सातो बाई का विवाह करके दामाद को अपने ही घर में (धरजिया) रखना चाहते थे।
सामाजिक अस्मिता की स्वीकृति उसके सा स्मरणीय गौरव से ही संभव है चाहे वह प्राचीन हो अथवा अर्वाचीन । नि:संदेह हमारी वृति, हमारी प्रकृति हमारी कृति ने हमें अपनी ही जाति के पद पर सम्मानित किया जो अक्षुण्य है, जिसके ही शक्ति थलप्रभाव पर हम आत्मविभोर होकर गौरव एवं मान प्राप्त करते है। इसीलिए हमारा प्राचीन इतिहास हमारी कृति स्मारणीय गौरवपूर्ण हैं तो वर्तमान उसी आधार पर प्रगति के सोपान हैं, विभिन्न शंकावतों विसंगतियों से जूझते हुए हमने आत्मसंबल प्राप्त किया । इन्हीं गौरव को आज आत्मावलोकन स्मरण कर प्रगति की ओर गतिमान होना आवश्यक हैं। यही तो जाति, स्वजाति स्वाभिमान हैं ।
भक्तमाता कर्मा मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने कांडेकेला पहुंचे क्षेत्रीय सांसद चंदूलाल साहू ने साहू समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज की पहचान समाज के इतिहास एवं महापुरूषों से होती है। उन्होंने कहा कि साहू समाज का इतिहास शानदार एवं गौरवपूर्ण रहा है। समाज के लोगों का लंबे समय से सपना था कि यहां पर माता कर्मा के मंदिर का निर्माण हो।
खानपुर - आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा व काँग्रेस से टिकट की मांग को लेकर रविवार को खानपुर में एक निजी हॉटेल पर तैलिक साहू राठौर महासंघ राजस्थान की और से प्रेसवार्ता आयोजित की गई । प्रवाह में महासंघ के प्रदेश संयोजक लादूलाल तेली एट्याकेट ने कहा कि राजस्थान में तैलिक साहू राठौर व घांची समाज की 35 लाख की आबादी प्रदेश में निवास करती है।
नाराजगी. तेली जाति को अजजा में शामिल करने की मांग को लेकर धरना, उदासन ने कहा तेली समाज को वोट बैंक न समझें
गुमला दक्षिणी छोटानागपुर के रांची, टी, गुमला, सिमडेगा में लोहरदगा जिला की तली जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर तेली समाज के लोगों ने गुरुवार को गुमला के कचहरी परिसर में धरना दिया.