दृढ़ संकल्प एवं इच्छा शक्ति के द्वारा दुष्कर कार्य भी सफलता पूर्वक सम्पन्न हो सकते है। परिस्थितियाँ विपरीत होने पर भी कार्य के प्रति निष्ठा । लगन एवं सत्य का मार्ग अपनाकर श्रेष्ठतम कार्य सहजतापूर्वक किया जा सकता है । निसंदेह हर समय, युग काल में चमत्कार को ही नमस्कार किया जाता है किन्तु सच्चे एवं ईश्वर के साथ आध्यात्मिक लगाव जिस मनुष्य में हो जाता है उसके जीवन में चमत्कार होते ही रहते हैं । इसे 'चाहे आप संयोग माने अथवा दैवयोग ।
जन्म:- पाप मोचनी एकादशी संवत 1073 सन 1017 ई.
माँ कर्मा आराध्य हमारी, भक्त शिरोमणी मंगलकारी । सेवा, त्याग, भक्ति उद्धारे, जन-जन में माँ अवतारे ।।
परम् आराध्य साध्वी भक्ति शिरोमणी माॅ कर्माबाई देश-विदेश में आवासित करोड़ो-करोड़ो सर्व साहू तेली समाज की आराध्य देवी कर्माबाई की गौरव गाथा जन-जन के मानस में श्रद्धा भक्ति के भाव से विगत हजारों वर्षो से अंकित चली आ रही है । इतिहास के पन्नों पर उनकी पावन गाथा तथा उसने सम्बन्धित लोकगीत किंवदतिया और आख्यान इस बात के प्रमाण है कि माॅ कर्मबाई कोई काल्पनिक पात्र नहीं है । माॅ कर्माबाई का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी नगर में चैत्र कृष्ण पक्ष के पाप मोेचनी एकादशी संवत् 1073 सन 1017 ई. को प्रसिद्ध तेल व्यापारी श्री राम साहू जी के घर में हुआ था ।
उत्तर प्रदेश मे झाँसी एक दर्शनीय एतिहासिक नगर है । यहाँ के प्राचीन भव्य किले, अधगिरी इमारतें और दूर - दूर तक फैले खंडहर आज भी एतिहासिक भूमि की गौरवपूर्ण गाथा को अपनी मूक भाषा में कह रहे है । इसी एतिहासिक नगर में लगभग एक हज़ार वर्ष पूर्व राम साह एक सम्मानित व्यक्ति थे! दीन दुखियों के प्रति दया-भावना, दानशीलता, सरल स्वभाव,धर्म-परायणता आदि उनके विशेष गुण थे, और इसी कारण उनका यश दूर-दूर तक फैला हुआ था | इन्हीं के घर हिन्दु कुल और समस्त साहू समाज को गौरव प्रदान करने वाली भक्त शिरोमणि कर्मा माता का जन्म चैत्र कृष्ण पक्ष ११ संवत १०७३ को हुआ था ।
आजसे एक हजार वर्ष पूर्व झासी उत्तरप्रदेश में श्री रामशाह प्रतिष्ठित और संपन्न तेल के बडे व्यापारी थे । वे एक समाज सुधारक, दयालु, धर्मात्मा तथा परोपकारी व्यक्ति थे । उनकी पत्नी को शुभ नक्षत्र, मे चैत्र माह के क्रष्ण-पक्ष की एकादशी को संवत 1073 विक्रम में एक कन्या रत्न का जन्म हुआ । विद्वान पण्डितो ने कन्या की जन्मपत्री बनवाई । पण्डितो ने ग्रह, नक्षत्र का शोधन करके कहा- राम शाह तुम बहुत ही भाग्यवान हो जो एसी गुणवान कन्या रत्न ने तुम्हारे यहां जन्म लिया है । वह भगवान की उपासक बनेगी । शास्त्रानुसार पुत्री का नाम कर्माबाई रखा गया ।
भक्त माता कर्मा जयंती का 25 वां भव्य समारोह आज ग्राम कमरौद में संपन्न हुआ। साथ ही मां कर्मा मंदिर निर्माण हेतु पधारे अतिथियों द्वारा भूमिपूजन भी किया गया। शोभायात्रा, मां कर्मा कथा, रामकथा, रामधुनी जैसे अनेक कार्यक्रमों से गांव का वातावरण दिव्य एवं भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर श्री भुलाऊ साहू जी(उपाध्यक्ष जिला साहू संघ), समाज रत्न त्रय झाड़ूराम जी, खोरबाहरा गुरुजी, बलीराम जी,