भक्तिन माता राजिम के त्याग को लोग याद करते हैं।
राजिम की सांस्कृतिक ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक उपलब्धि के पीछे एक महान नारी का आत्मोत्सर्ग अनन्य सेवा भाव श्रम एवं साधना का फल जुड़ा हुआ है, भले ही इसे आज विस्मृत कर दिया गया हो अथवा जाति विशेष का कर्तव्य मान प्रबंधक वर्ग निश्चित हो गये हो पर जिस नारी ने निस्वार्थ भाव से अपना सब कुछ अर्पित कर दिया हो उसे नाम की कोई लालसा नहीं थी. उसने आराध्य का साथ मांगा था और अपना प्राणोत्सर्ग भी उन्हीं के श्री चरणों में किया था, आज भी अपने प्रिय भगवान के सामने इस सती की समाधि विद्यमान
रायपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ भक्त माता का राजिम जयंती महोत्सव का आयोजन सोमवार दिनांक 7 जनवरी 2019 को आयोजित किया गया है । प्रतिवर्ष के अनुसार इस साल भी वक्ता राजीव जयंती महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है । इस आयोजन के मुख्य अतिथि माननीय श्री भूपेश बघेल जी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़, अध्यक्षता माननीय श्री ताम्रध्वज साहू जी, लोकनिर्माण पर्यटन धर्म व संस्कृति कैबिनेट मंत्री,
साहू समाज की आराध्य देवी मां कर्मा देवी की जीवन गाथा की जानकारी समाज के अन्य बंधुओं को नहीं है अंत में में आप समस्त बंधुओं को प्राप्त जानकारी के अनुसार मां कर्मा देवी के जीवन की संक्षिप्त गाथा से आपको अवगत करने का प्रयास कर रहा हूं ।
मां कर्मा देवी के जीवन परिचय से अवगत हो तथा उनके जीवन से प्रेरणा लें । प्रस्तुत है उनका जीवन परिचय ।
राजिम छत्तीसगढ़ क्षेत्र का पवित्र ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र रहा है। अपने पुरातन इतिहास की गौरवमयी परम्परा को आत्मसात किये यह धरोहर भगवान विष्णु की नगरी है । छत्तीसगढ़ के लाखों नरनारियों को माघ पूर्णिमा से शिवरात्री तक सांस्कृतिक एकता के पवित्र बन्धन में आबद्ध किए रहती है। यहां माह पर्यन्त विशाल मेला का आयोजन किया जाता है ।
अपने आप में उत्तर तथा दक्षिण भारत की संस्कृति को सजाए राजिम संगम के पुण्य को बांटती है और आज भी हर छत्तीसगढ़ीया कहा जावो बड़ दूर हे गंगा कहकर अपने सभी पवित्र धार्मिक कार्य इसी त्रिवेणी संगम (महानदी सेंदूर एवं पैरीनदी) में पूर्ण करता है ।
महासमुंद कर्मा जागृति महिला मंच महासमुंद के तत्वावधान में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्ष सती साहू के निवास स्थान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत माता कर्मा की पूजा-अर्चना कर की गई। इस मौके पर सती साहू ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का अभियान में गांवगांव में चलाना होगा। जनजागरूकता लानी होगी। बेटे की चाहत ने कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध करने में विवश हो जाते हैं।