ग्राम गातापार में साहू समाज द्वारा धूमधाम से कर्मा जंयती मनाई गई। इस अवसर पर माता कर्मा की पूजा आरती पश्चात अतिथियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर मानसगान सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर ने कहा कि रामायण सबको अच्छे विचार सिखाता है। भगवान राम ने किसी को सीखने नहीं कहा लेकिन उनके कार्यों का अनुसरण किया जा सकता है। इस अवसर पर सरपंच तोरण लाल साहू, शेखन साहू, शत्रुहन साहू, धनसाय साहू, कमलनारायण साहू, नारदराम, झम्मन, चोपेश्वर, लुकेश्वर, कांशी, बोधन, पूरन, लालजी, सौहेन्द्र सिंह, रोहित, शालिक, रामेश्वर सिन्हा, पुष्पेन्द्र आदि मौजूद थे।
नागपुर छत्तीसगढ़ झिरिया तेली समाज की ओर से पापमोचनी एकादशी पर समाज के आराध्य भक्त माता कर्मा जयंती समारोह का आयोजन मिनीमाता नगर स्थित राम मंदिर में किया गया । समाज के अध्यक्ष गणेश साहू तथा युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष अंगद हिरोंदे उनने कर्मा माता तथा भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की. दिनेश ताजिना मिनी माता नगर शाखा के अध्यक्ष दिलीप साहू तथा सभापति पूर्व बहारा साहू, उपाध्यक्ष धनीराम सारवा, सचिव नरेश सारवा, कोषाध्यक्ष कोमल गर्ग, चंपालाल साहू प्रमुखता से उपस्थित थे ।
परंपरा अनुसार इस वर्ष भी तेली समाज की आराध्य देवी संत शिरोमणि श्री मां कर्मा देवी जी की पावन जयंती हर्षोल्लास के साथ दिनांक 6 अप्रैल 2013 दिन शनिवार को नवनिर्मित साहू भवन बरघाट रोड सिवनी में आयोजित की गई है । यह कार्यक्रम श्री अयोध्या प्रसाद साहू पूर्व अध्यक्ष अशोक सिवनी की अध्यक्षता में संपन्न होगा । विशिष्ट अतिथि श्री श्याम प्रसाद साहू मुख्य अभियंता रेलवे हैदराबाद एवं विशिष्ट अतिथि श्री अशोक साहू ओमान जिला अध्यक्ष साहू समाज जिला सिवनी
छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के तत्वावधान में साहू समाज की परम आराध्य देवी भक्त माता कर्मा जयंती समारोह दिनांक 06 अप्रैल 2013 दिन शनिवार को साइंस कालेज मैदान, रायपुर में आयोजित है ।इस अवसर पर प्रथम तल पर नवनिर्मित व्यवसायिक परिसर एवं मैरिज हाल का लोकार्पण किया जाना है एवं विशाल आदर्श सामूहिक विवाह का आयोजन छ. प्रदेश साहूसंघ एवं संत माता कर्मा आश्रम (शक्तिपीठ) समिति के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न होना है
झांसी की पावन धरती में आज लगग १००० वर्ष पहलेए बहुत ही सम्पन्न तैलकार रामशाह के यहां सम्वत् १०७३ के चैत्र कृष्ण पक्ष ११ को एक सुकन्या ने जन्म लिया। नामकरण की शुभ समाज की अमर ज्योति भक्त शिरोमणि . माता कर्मा बेला में पिता रामसाह ने अपना निर्णय सुनाया कि मेरे सत्कार्यों र्से मुझे बेटी मिली है इसलिए मैं उनका नाम कर्माबाई रखूंगा। चंद्रमा की सोलह कलाओं की तरह कर्मा बाई उम्र की सीढ़ियां पार कर गई। परिवार से धार्मिक संस्कार तो मिला ही था इसलिए बचपन से गवान श्रीकृष्ण के जन.पूजन आराधना में ही विशेष आनंद मिलता था।